काठमांडू [एजेंसी]। भारत से पहली बार पैसेंजर ट्रेन पहुंचने पर नेपाल में हर्ष का माहौल है। रविवार को ट्रायल के तहत ट्रेन बिहार के बथनाहा से नेपाल के मोरंग पहुंची, तो हजारों लोगों ने उसका जोरदार स्वागत किया। ट्रेन के दोनों तरफ भारत और नेपाल के झंडे लगे थे। यह रूट 18.1 किलोमीटर का है, जिसका 13.1 किलोमीटर हिस्सा नेपाल में पड़ता है।
इस परियोजना का अनुमानित खर्च 4,800 करोड़ रुपया है। यह राशि आर्थिक सहयोग के तहत भारत ने नेपाल को उपलब्ध कराई है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच ब्रॉड गेज पर पहले यात्री ट्रेन के इस साल दिसंबर में शुरू होने की संभावना है। नई दिल्ली में रेलवे के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह ट्रेन बिहार में जयनगर से नेपाल में जनकपुर जोन के धनुषषा जिले के कुर्था तक चलेगी। जयनगर–कुर्था रेलखंड की लंबाई 34 किलोमीटर है। सूत्रों ने बताया कि जयनगर में संभवत: एक आव्रजन चेक नाका बनाया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी आव्रजन ब्यूरो या राज्य सरकार की होगी। इस रास्ते से आने-जाने के लिए भारतीय और नेपाली नागरिकों को वीसा की जरूरत नहीं होगी।
नेपाली अधिकारियों ने रेलवे को सूचित किया है कि यह सेक्शन चार यात्राओं के लिए खुला रहेगा और आठ से 16 घंटे की शिफ्ट में काम करेगा। इस रूट पर पहली ट्रेन यात्री गाड़ी होगी, लेकिन नेपाल के अधिकारियों का कहना है कि वे यात्री और माल गाड़ी दोनों चलाना चाहते हैं।
एक अन्य सूत्र ने बताया कि नेपाल इस रूट के लिए भारत से रैक, कोच और अन्य चीजें लीज पर ले रहा है। इसे नेपाल के साथ रेल यातायात संपर्क जोड़ने के चीन के प्रयासों से जोड़कर देखा जा रहा है। नेपाल और भारत के बीच चार अलग अलग स्थानों पर रेलवे लाइन बिछाने की योजना है, इनमें से एक रक्सौल को काठमांडू से जोड़ने वाला है।
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