आईआईटी में फंदा लगाकर जान देने वाली पीएचडी छात्रा प्रगति खरया की मौत की वजह उसके मोबाइल फोन में छिपी हो सकती है। पुलिस का कहना है कि परिजन किसी पर शक नहीं जता रहे हैं और न ही उन्होंने कोई तहरीर दी है। तहरीर मिलने पर ही मोबाइल का लॉक खुलवाकर उसे फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा।
गुरुवार को पुलिस को प्रगति के शव के पास से पांच पन्नों का सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने किसी को अपनी मौत का जिम्मेदार नहीं ठहराया। उसने खुद के डिप्रेशन और अकेलेपन को मौत की वजह बताया। सुसाइड नोट के आखिरी पन्ने में करीबी दोस्त आदिल और समर्थ का जिक्र है। उसने लिखा कि समर्थ उसकी परेशानियों में मदद करता था, लेकिन काम की वजह से वह दूर हो गया। आदिल उसकी भावनाओं को समझता था, लेकिन वह भी अपनी टेंशन बार-बार कैसे बताए।
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प्रगति ने लिखा, “किसी को दोष नहीं दे सकती। बनना तो बहुत कुछ चाहती थी, पर अब कुछ बचा नहीं है। कई बार सोचा, लेकिन कभी कठोर कदम नहीं उठाया। ऐसा न हो कि ये सब लिखकर कल फाड़ दूं और फिर सोचूं कि आगे जिंदगी में क्या करना है।” पुलिस के पास फिलहाल मोबाइल और सुसाइड नोट हैं, और तहरीर मिलने का इंतजार है।
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