अदाणी समूह पर लगे आरोपों और संभल में हुई हिंसा जैसे विभिन्न मुद्दों के कारण संसद का शीतकालीन सत्र अब तक हंगामे की भेंट चढ़ गया। हालांकि, मंगलवार को सत्र के सातवें दिन कार्यवाही हुई। इस दौरान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में पश्चिम बंगाल पर आरोप लगाया कि ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी’ (मनरेगा) योजना के बजट का दुरुपयोग किया गया है और लाभ अपात्र लोगों तक पहुंचाया गया।
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लोकसभा : पश्चिम बंगाल के साथ अन्याय किया जा रहा
मनरेगा पर चर्चा के दौरान पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर से सांसद कल्याण बनर्जी की केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से तीखी बहस हो गई। बनर्जी ने आरोप लगाया कि 2022-23 में पश्चिम बंगाल को केंद्र से कोई धनराशि नहीं मिली। उन्होंने पूछा कि केंद्र यह दावा कर रहा है कि योजना में अनियमितताएँ हुई हैं, तो क्या वास्तव में ऐसा हुआ है? इस पर शिवराज सिंह चौहान ने जवाब दिया कि मनरेगा की धनराशि एक निर्धारित उद्देश्य के लिए होती है, और यदि यह उस उद्देश्य की पूर्ति में उपयोग नहीं होती, तो उसे रोका जा सकता है।
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शिवराज चौहान – बंगाल में पात्र लोगों को अपात्र बनाया
मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ निश्चित लोगों को लाभ पहुंचाने का अपराध पश्चिम बंगाल में किया गया। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़े कामों को छोटा करके कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने का अपराध किया है। इस योजना के तहत अपात्र लोगों को पात्र बनाया गया और पात्र लोगों को अपात्र बनाया गया, यह साबित हो चुका है। ग्रामीण विकास योजनाओं के नाम बदले गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम बदलकर अपना नाम रखने का अपराध किया है। इसी योजना के तहत भी अपात्र लोगों को लाभ दिया गया और पात्र लोगों को छोड़ दिया गया।
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