कॉरपोरेट जगत के लिए सुबह-सुबह बुरी खबर आई। जाने-माने बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा और M&M के पूर्व चेयरमैन केशब महिंद्रा दोनों का निधन हो गया है। वह 99 वर्ष के थे। उन्होंने वर्ष 1963 में देश की सबसे बड़ी ऑटो कंपनियों में से एक महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली और वर्ष 2012 तक इस पद पर बने रहे। आनंद महिंद्रा केशव महिंद्रा के एमएंडएम के अध्यक्ष बने।
केशब महिंद्रा ने M&M में अपनी शुरुआत साल 1947 में की थी। उस वक्त महिंद्रा ग्रुप का मुख्य कारोबार Willys Jeeps बनाने का था। हालांकि, अब ग्रुप ऑटोमोबाइल से लेकर डिफेंस, एनर्जी, सॉफ्टवेयर सर्विसेज, हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट तक फैला हुआ है। बता दें कि केशब महिंद्रा ने अपना ग्रेजुएशन यूनिवर्सिटी ऑफ पेनिनसुला के व्हार्टन से किया था।
1.2 बिलियन डॉलर के मालिक
99 वर्षीय केशब महिंद्रा लगभग 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मालिक हैं। केशव महिंद्रा महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह के एमेरिटस चेयरमैन हैं और पांच दशकों से अधिक समय से समूह के शीर्ष पर हैं। इसके अलावा, वह आनंद महिंद्रा के चाचा भी हैं। बाद में वे अगस्त 2012 में सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें अच्छे कॉर्पोरेट प्रशासन और नैतिकता के लिए जाना जाता है। 2007 में, उन्हें 2007 में अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इस तरह की शुरुआत
केशब महिंद्रा ने कॉर्पोरेट जगत में अपनी शुरुआत 1947 में की थी। पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी, अमेरिका से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1947 में उन्होंने महिंद्रा कंपनी ज्वाइन की, जिसके बाद 1963 में उन्हें इसका चेयरमैन बनाया गया। 2004 से 2010 तक वह प्रधानमंत्री की व्यापार और उद्योग परिषद, नई दिल्ली के सदस्य भी रहें। केशब महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा को असेंबलर से बड़े समूह में बदलने के लिए जाने जाते हैं और वें ASSOCHAM की सर्वोच्च सलाहकार परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।