राजधानी भोपाल के दानिश नगर स्थित पार्क में पेड़ों की छंटाई के नाम पर 29 पेड़ों को काट दिया गया। यह अनुमति मध्य प्रदेश के वन बल प्रमुख पीसीसीएफ आरके गुप्ता की तरफ से मांगी गई थी।
अब स्थानीय लोग सवाल उठा रहे है कि जिनके जिम्में प्रदेश के पेड़ों को बचाने की जिम्मेदारी है, वहीं, उनको नुकसान पहुंचा रहे है। अब वह दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हद तो यह है कि इस मामले में नगर निगम कार्रवाई के नाम पर जांच करने की खानापूर्ति कर रहा है।
दानिश नगर पार्क में यूकेलिप्टस के 80 से ज्यादा पेड़ लगे हुए थे। इसमें स्थानीय लोगों ने भी पार्क में हरियाली बढ़ाने के लिए पेड़ लगाए गए। यहां पर मध्य प्रदेश के वन बल प्रमुख पीसीसीएफ आरके गुप्ता का भी घर है। उन्होंने कुछ माह पहले करीब 80 पेड़ों की छंटनी करने की अनुमति मांगी थी। नगर निगम की तरफ से अनुमति मिलने के बाद कुछ दिन पहले पेड़ों की छंटनी करने के बजाए 29 पेड़ को जड़ से ही काट दिया गया। अब इस मामले में स्थानीय लोगों ने नगर निगम को शिकायत की है। स्थानीय लोगों को कहना है कि यहां पर पेड़ों को काटने के बाद उसके बचे तने को भी जलाया गया। जिससे पार्क के अंदर आसपास के दूसरे पेड़ों को भी नुकसान पहुंचा है।
दानिश नगर निवासी अंशु गुप्ता का कहना है कि मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह चौहान हरियाली बढ़ाने के लिए जनता से पौधारोपरण करने की अपील कर रहे है। लोगों का जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ पर पौधे लगाने प्रेरित कर रहे है। वह खुद रोज एक पौधा लगा रही है। इधर उनके वन विभाग के प्रमुख पेड़ों को कटवा रहे है। उन्होंने मांग कि पर्यावरण और हरियाली को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होना चाहिए। उनका कहना है कि कुछ साल पहले ही इस पार्क को विकसित किया गया था और यहां पर 40 साल पुराने पेड़ लगे हुए हैं। जिनका बेरहमी से कत्ल किया गया है। और उसके बाद पार्क में आग भी लगा दी गई। जिसके कारण अन्य पेड़ पौधों को भी नुकसान पहुंचा है।
इस मामले में वन विभाग के पीसीसीएफ आरके गुप्ता का कहना है कि दानिश नगर में 40 साल पुराने पड़े थे, जिनकी टहनियों के गिरने से गाड़ी को नुकसान भी पहुंचा था। उनकी छंटनी के लिए अनुमति ली गई थी, लेकिन मजदूरों ने लापरवाही कर कुछ पेड़ काट दिए। हमें जानकारी मिलने पर काम रूकवा दिया। आग लगने की बात झूठी है।
वहीं, भोपाल नगर निगम के अपर आयुक्त चंद्रप्रताप गोहिल का कहना है कि दानिश नगर में पांच-छह माह पहले पेड़ों की छंटनी की अनुमति मांगी गई थी। इसकी जगह उन्होंने पेड़ की काट दिए। इस मामले में जांच की जा रही है। साथ ही नोटिस जारी किया गया है। दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में अधिकतम 5 हजार रुपए प्रति पेड़ के अनुसार जुर्माने का प्रावधान है।