मणिपुर सरकार ने चुराचांदपुर जिले में एक पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई के बाद हिंसा की घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है और इसके परिणामस्वरूप पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त के दफ्तरों में हुई तोड़फोड़ के बाद राज्य में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई थी। उन्होंने कहा कि सीएपीएफ जवानों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों पर भीड़ ने आग लगा दी थी। एक अधिसूचना में बताया गया कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया पर भड़काऊ तस्वीरें और पोस्ट शेयर कर रहे हैं, जिससे राज्य की कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इससे निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचने और राज्य की शांति पर खतरा हो सकता है।
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चुराचांदपुर: पुलिस हेड कांस्टेबल की निलंबन की घटना
पूरा विवाद एक पुलिस हेड कांस्टेबल को निलंबित करने के कारण शुरू हुआ। पुलिस का कहना है कि एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एक पुलिस हेड कांस्टेबल सियामलालपॉल हथियारबंद लोगों और गांव के स्वयसेवकों के साथ बैठा हुआ दिखाई दिया। इस वजह से चुराचांदपुर एसपी शिवानंद सुर्वे ने हेड कांस्टेबल को निलंबित करने के आदेश जारी किए। आदेश में कहा गया था कि अनुशासित पुलिस बल का सदस्य होने के नाते यह गंभीर अपराध है।
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पुलिस हेड कांस्टेबल के खिलाफ विभागीय जांच और भीड़ के तितर-बितर होने से घायलों की संख्या बढ़ी
आदेश के अनुसार, चुराचांदपुर जिला पुलिस सियामलालपॉल के खिलाफ विभागीय जांच करेगी। सियामलालपॉल को अनुमति के बिना स्टेशन न छोड़ने के लिए कहा गया है। उनके वेतन और भत्ते को नियमों के अनुसार स्वीकार्य निर्वाह भत्ते तक सीमित कर दिया गया है। वीडियो 14 फरवरी का बताया जा रहा है, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि सुरक्षाबलों के साथ इस झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं 30 अन्य घायल हो गए थे। अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें
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