नेपाल में माउंट अन्नपूर्णा से लापता हुई हिमाचल प्रदेश की रहने वाली पर्वतारोही बलजीत कौर के जीवित होने की जानकारी मिली है. पायनियर एडवेंचर पसंग शेरपा के अध्यक्ष ने कहा है कि एक हवाई खोज दल ने बलजीत कौर का पता लगाया है. बलजीत कौर ने बिना सप्लीमेंट ऑक्सीजन के उपयोग के दुनिया की दसवीं सबसे ऊंची चोटी को फतह किया था. वापस उतरते वक्त बलजीत कौर कैंप- 4 की तरफ आते हुए लापता हो गई थी.
गौतरलब है कि अन्नापूर्णा दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी है और बलजीत कौर ने इसे बिना ऑक्सीजन के फतेह किया था. वह कैंप से वापस लौट रही थी और इस दौरान लापता हो गई हैं. सोलन जिला प्रशासन को फिलहाल इस घटना की जानकारी नहीं है. हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री और सीएम तक ने उनके निधन पर शोक जताया था. लेकिन बलजीत जिंदा हैं.
बलजीत कौर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले की कंडाघाट के गांव पंजरोल की रहने वाली हैं. उनके पिता अमरीक सिंह हिमाचल पथ परिवहन में बस ड्राइवर रहे हैं और उनकी मां शांति देवी गृहिणी हैं. बलजीत के कुल तीन भाई बहन हैं. बलजीत कौर ने एनसीसी में शामिल होने के बाद पहाड़ों की चढ़ाई शुरू की थी. 20 साल की उम्र में उन्हें माउंट देव टिब्बा के एनसीसी अभियान के लिए चुना गया था. बलजीत कौर केवल 27 साल में 8,000 मीटर की ऊंचाई पर चढ़ने वाली पहली महिला पर्वतारोही हैं. उन्होंने इतने कम समय में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर यह रिकार्ड अपने नाम किया है.
हाल ही में शिमला में बलजीत कौर विक्रमादित्य सिंह से मुलाकात की थी. उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए सरकार से मदद मांगी थी. बलजीत बिना ऑक्सीजन के चढ़ाई करना चाहती थी. हालांकि, उनके लापता होने की खबर के बाद पूरा हिमाचल प्रदेश उनके सलामत होने की दुआएं मांग रहा था. अब उनके सकुशल होने की खबर आई है.