मुख्तार अंसारी की कब्र पर आज फातिहा पढ़ी जाएगी। उसमें मऊ सदर से विधायक और मुख्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी भी शामिल होने के लिए आया है। अब्बास करीब 17 महीने बाद घर गाजीपुर आया है, जहां उन्हें नवंबर 2022 से जेल में रहा था। उन्हें फातिहा में शामिल होने की पैरोल मिलने पर मंगलवार की देर शाम 7:40 बजे कड़ी सुरक्षा में पचलाना जेल से गाजीपुर के लिए रवाना किया गया। फातिहा पढ़ने के बाद अब्बास को गाजीपुर जिला कारागार के उसी हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा जाएगा, जिसमें सांसद अफजाल अंसारी को भी रखा गया था। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, गाजीपुर जिला जेल में बैरक नंबर दस में रखा जाएगा, जो सांसद अफजाल अंसारी के लिए भी आवंटित है। अब्बास अंसारी को हाई सिक्योरिटी में रखा जाएगा, जैसा कि उनके पिता के मामले में किया गया था।
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अब्बास अंसारी: ईद के दिन गाजीपुर जेल में
अब्बास अंसारी की पत्नी निखत और भाई उमर अंसारी कासगंज जेल गए थे और अब्बास से मिले थे। उमर ने मुलाकात के बाद बताया था कि अब्बास की जमानत की कोशिश की जा रही है। अल्लाह की इबादत में अपना वक्त बिता रहे हैं, रोजे भी रख रहे हैं, प्रतिदिन कुरान पढ़ते हैं, और पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं। अब वह गाजीपुर जा रहे हैं, और 11 अप्रैल को ईद है, जिसे वहां मनाएंगे।
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मुख्तार अंसारी की मौत के बाद, अब्बास को जनाजे में शामिल होने के लिए हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी, लेकिन अनुमति नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने उनके लिए 10, 11 और 12 अप्रैल के लिए पेरोल स्वीकृत की। उन्हें गाजीपुर ले जाने के लिए सुरक्षा के प्रबंध किए गए और उन्हें बंदियों के वाहन में जेल से रवाना किया गया।
28 मार्च की दुखभरी रात
विधायक बेटा पिता की मौत से 28 मार्च की रात तक अंजान रहा। अगले दिन सुबह 8.30 बजे जेल प्रशासन ने जब खबर दी तो वह बिलख उठा। कुछ देर तक फूट-फूटकर रोया था। जेल प्रशासन ने कारागार में उसके स्वजन के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर उसकी बात कराईं थी। उसने करीब बीस मिनट तक बात की थी और इस दौरान वह रोया भी था।
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