• Sun. Apr 13th, 2025

    वायुसेना को मिलेंगे नए लड़ाकू विमान, टेंडर में अमेरिकी एफ-15 भी हो सकता है शामिल

    air force

    भारतीय वायुसेना अपनी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए 114 नए मध्यम श्रेणी के लड़ाकू विमानों की खरीद की योजना बना रही है. अगले चार से पांच वर्षों के भीतर, वायुसेना वैश्विक टेंडर प्रक्रिया के जरिए इन विमानों को अपने बेड़े में शामिल करने का इरादा रखती है. इस प्रतिस्पर्धा में बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, दासौ और साब जैसी कई प्रमुख कंपनियां भाग ले सकती हैं.

    Also Read: महाराष्ट्र में मंत्री नितेश राणे की पहल: झटका मांस बेचने का अधिकार सिर्फ हिंदुओं को, जानें मल्हार सर्टिफिकेशन

    वैश्विक टेंडर का हिस्सा बनने वाले विमानों में राफेल, ग्रिपेन, यूरोफाइटर टाइफून, मिग-31 और अमेरिकी एफ-16, एफ-15 विमान शामिल हैं. इनमें से एफ-15 को छोड़कर अन्य लड़ाकू विमान पहले ही 126 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों के लिए पिछली टेंडर प्रक्रिया में भाग ले चुके हैं और उनका मूल्यांकन भी हो चुका है. इस बार दौड़ में शामिल होने वाला एकमात्र नया विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग का एफ-15 स्ट्राइक ईगल लड़ाकू विमान है. रक्षा सूत्रों ने बताया कि 114 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों को शामिल करने से वायुसेना को अगले 10 वर्षों में अपने स्क्वाड्रन की ताकत बनाए रखने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही मार्क 1 ए और मार्क-2 सहित हल्के लड़ाकू विमान भी वायुसेना में शामिल किए जाएंगे.

    Also Read: राज्यसभा में हंगामा खरगे के बयान पर विवाद, भाजपा ने की माफी की मांग

    वैश्विक टेंडर और संभावित निर्माताओं की भूमिका

    रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपनी रिपोर्ट सौंपी और वायुसेना को अपनी लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करने के लिए 114 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमान प्राप्त करने की जरूरत जताई. सूत्रों ने बताया कि वायुसेना वर्ष 2037 तक लड़ाकू विमानों के 10 स्क्वाड्रनों को रिटारयर करेगी.

    वायुसेना वर्ष 2047 तक 60 लड़ाकू विमान स्क्वाड्रन क्षमता हासिल करना चाहती है. उसका मानना है कि अगले पांच से 10 वर्षों में इन लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल होने से दो मोर्चों पर युद्ध से निपटने की क्षमता और बढ़ेगी.

    उन्होंने कहा कि अगले 10-12 वर्षों में वायुसेना के बेड़े से जगुआर, मिराज-2000 और मिग-29 बाहर हो जाएंगे मिग श्रृंखला के पुराने विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाने तथा एलसीए मार्क 1 और मार्क 1 ए जैसे नए स्वदेशी विमानों को शामिल करने में देरी के कारण वायुसेना में लड़ाकू विमानों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है. वायुसेना केवल 36 राफेल विमानों को ही अपने बेड़े में शामिल कर पाई है, जो 4.5 से अधिक पीढ़ी की श्रेणी का लड़ाकू विमान है.

    Also Read: 29 साल का लड़का कैसे बना कोयलांचल का ‘क्राइम किंग’

    Share With Your Friends If you Loved it!
    One thought on “वायुसेना को मिलेंगे नए लड़ाकू विमान, टेंडर में अमेरिकी एफ-15 भी हो सकता है शामिल”

    Comments are closed.