नीरव मोदी भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में वांछित है, और वह हाल ही में अपने पैसे का अधिक से अधिक क्रेडिट पर खर्च कर रहा है। उसके पास इतना पैसा नहीं है कि वह जुर्माना भर सके या कानूनी लड़ाई लड़ सके।
भगोड़े कारोबारी ने दावा किया है कि उसके पास कोई पैसा नहीं है और वह अदालत के आदेश पर 1,50,000 पाउंड से अधिक की कानूनी लागत का भुगतान करने के लिए उधार लेना पड़ रहा है। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के दो अरब डॉलर के ऋण घोटाला मामला में भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ नीरव मोदी (52 वर्षीय) पिछले साल ब्रिटेन की शीर्ष अदालत में कानूनी लड़ाई हार गया था।
नीरव मोदी अभी दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में सलाखों के पीछे है, जहां से वह अपनी प्रत्यर्पण अपील की कार्यवाही से संबंधित लंदन में उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित 150,247 पाउंड के कानूनी खर्च या जुर्माने को लेकर गुरुवार को पूर्वी लंदन में बार्किंगसाइड मजिस्ट्रेट अदालत में सुनवाई के लिए वीडियो लिंक के माध्यम से पेश हुआ।
यह पूछे जाने पर कि वह मासिक राशि का वित्तपोषण कैसे करना चाहता है, नीरव ने अदालत को बताया कि वह पैसे उधार ले रहा है क्योंकि उसके पास पर्याप्त धन नहीं है। उसने बताया कि प्रत्यर्पण कार्यवाही के दौरान भारत में उसकी संपत्ति जब्त कर ली गई थी।
पिछले साल दिसंबर में लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस की दो न्यायाधीशों की पीठ ने आत्महत्या के जोखिम के आधार पर सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की अनुमति के लिए नीरव मोदी के आवेदन को खारिज कर दिया था।