ओडिशा के मयूरभंज जिले में सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व के मुख्य क्षेत्र में एक दुर्लभ मेलानिस्टिक बाघ मृत पाया गया। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
ओडिशा वन विभाग के अधिकारियों को संदेह है कि उनके क्षेत्र में बाघों के बीच आपसी लड़ाई के कारण बाघ की मौत हुई है। हालांकि अभी तक बाघ की मौत के सही कारण का पता नहीं चल पाया है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुशील कुमार पोपली ने मीडिया को बताया कि मेलानिस्टिक नस्ल के रॉयल बंगाल टाइगर का शव सोमवार सुबह सिमिलिपाल के कोर एरिया में मिला। बाघ की उम्र करीब 3-3.5 साल थी।
पोपली ने कहा, प्रथम दृष्टया, यह दो नर बाघों के बीच अपने क्षेत्र में हुई वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम प्रतीत होता है। शव पर चोट के निशान थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को मौत की जानकारी दी है।
काले या स्यूडो-मेलानिस्टिक बाघ के शरीर पर खास तरह की गहरी धारी पैटर्न बना हुआ है, जो दुर्लभ है। ऐसे बाघ केवल सिमिलिपाल में पाए गए हैं।
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