• Tue. Nov 5th, 2024

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में सोमवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। कोरोना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया एक बड़े संकट से जूझ रहे हैं। राष्ट्रपति के अभिभाषण का विपक्ष द्वारा बहिष्कार करने पर प्रधानमंत्री ने उनपर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने अपनी युवा पीढ़ी को सिखाया नहीं कि ये देश लोकतंत्र की जननी है।

    हमें ये बात नई पीढ़ी को सिखानी है। उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र ‘सत्यम, शिवम, सुंदरम पर आधारित है। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनकी बात याद दिलाते हुए कहा कि आपने जो कहा था उसे मोदी कर रहा है, इसपर गर्व कीजिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें आंदोलनजीवियों से बचने की जरूरत है। ये लोग हर आंदोलन में दिखाई दे जाते हैं।

    उन्होंने कहा कि देश को अस्थिर करने वालों से भी हमें बचना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन को लेकर काफी चर्चा हुई लेकिन कोई सांसद यह नहीं बता पाया कि आंदोलन क्यों हो रहा है। उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी था, है और भविष्य में भी रहेगा। यहां पढ़ें उनके संबोधन की मुख्य बातें-

    प्रधानमंत्री मोदी ने टूलकिट के बहाने देश को नई एफडीआई से बचने को कहा। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि देश को नई एफडीआई से बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नई एफडीआई यानि कि फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी (विदेशी विनाशकारी विचारधारा) है। हमें एफडीआई की पुरानी परिभाषा यानि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को ही बरकरार रखना है।

    प्रधानमंत्री ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें आंदोलनकारियों को समझाते हुए हमें आगे बढ़ना होगा, गालियों को मेरे खाते में जाने दो लेकिन सुधारों को होने दो। बुजुर्ग आंदोलन में बैठे हैं, उन्हें घर जाना चाहिए। आंदोलन खत्म करें और चर्चा आगे चलती रहेगी।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद गुलाम नबी आजाद पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी जी ने कई मसलों पर सरकार की प्रशंसा की, लेकिन मुझे डर है कि उनकी पार्टी इसे जी-23 के संबंध में ना ले ले। वहीं एलएसी को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि मुश्किल परिस्थितियों में जवानों ने अपना काम किया और हर तरह की चुनौतियों का सामना किया। भारत का एलएसी पर रुख पूरी तरह से स्पष्ट है।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ सालों में एक नई जमात सामने आई है, जो आंदोलनजीवियों की है। वकीलों का आंदोलन हो, छात्रों का आंदोलन हो, ये सब जगह पहुंच जाते हैं। देश को इन आंदोलनजीवियों से बचाने की जरूरत है। ये आंदोलनजीवी ही परजीवी हैं। हमें देश को इससे बचाना होगा।

    Share With Your Friends If you Loved it!