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    राहुल ने मां पीताम्बरा पीठ पर टेका माथा, 28 सीटों पर है इसका असर

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    Oct 15, 2018

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को मध्यप्रदेश के दतिया में मां पीताम्बरा शक्ति पीठ पर पूजा-अर्चना की। इस देवीस्थल पर आने वाले गांधी परिवार के वे तीसरे सदस्य हैं। इससे पहले यहां इंदिरा गांधी और राजीव गांधी आए थे। यह शक्ति पीठ राज्य की करीब 28 सीटों पर असर डालती है।

    राहुल ने दतिया में एक जनसभा को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक-दो साल पहले मैं मोदीजी के ऑफिस में गया। उनसे किसानों का कर्जा माफ करने के लिए कहा- उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकला। यह भी नहीं कहा कि मैं कोशिश करूंगा।

    राहुल की जुबान फिसली : मोदी सरकार पर आरोप लगाते वक्त राहुल गांधी की जुबान फिसल गई। उन्होंने विजय माल्या की बजाय नीरव मोदी का नाम ले लिया। राहुल ने कहा- नीरव मोदी 35 हजार करोड़ रुपए लेकर भाग गया। इससे पहले वह संसद में वित्त मंत्री से भी मिला। नीरव के साथ भागने वाले मेहुल चौकसी को पीएम मेहुल भाई कहते हैं। मैंने पीएम ऑफिस को चिट्‌ठी लिखी थी कि मेहुल भागने वाला है, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।

    शत्रुनाश के लिए होता है यहां अनुष्ठान : मां पीताम्बरा को शत्रुनाश की अधिष्ठात्री देवी माना जाता है। यहां राजसत्ता प्राप्ति के लिए अनुष्ठान किए जाते हैं। कभी यहां श्मशान हुआ करता था। इस पीठ की स्थापाना 1935 में हुई थी। 1962 में चीन आक्रमण के समय राष्ट्र रक्षा के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने यहां अनुष्ठान कराया था। हालांकि, वे खुद नहीं आए थे। कहा जाता है कि यज्ञ की अंतिम आहुति के साथ ही युद्ध समाप्त हो गया था।

    ये बड़ी हस्तियां भी यहां कर चुकीं पूजा : पीताम्बरा पीठ में अटल बिहारी वाजपेयी, राष्ट्रपति बनने से चंद दिन पहले रामनाथ कोविंद, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ यहां पूजा-पाठ कर चुके हैं। 2013 में जब संजय दत्त पर आर्म्स एक्ट का केस चल रहा था। उस दौरान संजय दत्त अपने अपने बहनोई कुमार गौरव और कुछ मित्रों के साथ यहां आए थे।

    इंदिरा गांधी यहां तीन बार आईं : पीताम्बरा शक्ति पीठ में इंदिरा गांधी तीन बार आई थीं। पहली बार 1979 में, दूसरी बार 1980 में चुनाव के पहले और तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद। वहीं, राजीव गांधी 1985 में प्रधानमंत्री बनने के बाद यहां आए थे।

    मंदिर जाना नहीं भूलते राहुल : मध्यप्रदेश की 230 में से 109 सीटों पर आठ विख्यात धर्मस्थलों का प्रभाव है। राहुल भोपाल में विश्वकर्मा मंदिर और चित्रकूट में कामतानाथ मंदिर में मत्था टेक चुके हैं। जबलपुर में राहुल नर्मदा आरती में शामिल हुए थे।

    मध्यप्रदेश में मंदिरों के असर वाली 109 सीटें

    महाकाल दरबार, उज्जैन : 33

    पीताम्बरा पीठ, दतिया : 28

    रामराजा दरबार, ओरछा : 11

    सलकनपुर मंदिर, सीहोर : 9

    मैहर, कामतानाथ (चित्रकूट) : 28

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