केंद्रीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने फिर से नीतिगत ब्याज दर – रेपो रेट – में कोई परिवर्तन नहीं किया है. छठी बार लगातार, रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का निर्णय लिया गया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने संबोधन में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के संकेतों की चर्चा की और बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने अस्थिर वैश्विक स्थितियों के बीच अच्छा प्रदर्शन किया है. महंगाई भी कम हो रही है. उन्होंने इस बार की बैठक में चर्चा की और रेपो रेट को 6.5% पर ही स्थिर रखने का निर्णय लिया. इस पक्ष में पांच सदस्यों ने फैसला दिया.
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चतता के बीच देश की अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा रही है, एक तरफ आर्थिक वृद्धि बढ़ रही है, दूसरी ओर मुद्रास्फीति में कमी आई है.मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मुद्रास्फीति को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है.
उन्होंने कहा कि, देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की गति तेज हो रही है और यह अधिकतर विश्लेषकों के अनुमानों से आगे निकल रही है. 2024 में वैश्विक वृद्धि दर के स्थिर रहने का अनुमान है.
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