आम जनता को फिर से बड़ा झटका लग सकता है. दरअसल, 7 दिसंबर को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक होने वाली है. बताया जा रहा है कि अपनी इस पॉलिसी मीटिंग में आरबीआई रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का ऐलान कर सकता है. सम्बंधित विश्लेषकों का का कहना है कि लगातार तीन बार 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी के बाद, अक्टूबर में मुद्रास्फीति कम हो गई है. और आगे अभी यह और कम होगी.
आरबीआई कर सकता है बड़ा ऐलान
गौरतलब है कि आरबीआई ने मई से लेकर अब तक रेपो रेट में 190 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर इसे 5.90% कर दिया है. दरअसल, आरबीआई महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकती है. वहीं, महंगाई सितंबर में 5 महीने के उच्च स्तर 7.41% से अक्टूबर में तीन महीने के निचले स्तर 6.77% पर आ गई.
क्या कहते हैं एनालिस्ट्स?
नोमुरा अर्थशास्त्री सोनल वर्मा और औरोदीप नंदी का कहना है कि दिसंबर में 35 बीपीएस की बढ़ोतरी और फरवरी में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6.50% तक जा सकती है. वहीं, बार्कलेज को उम्मीद है कि नवंबर में महंगाई और कम होकर 6.5% हो जाएगी. और अगले महीने 35 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी का अनुमान भी जताया है.
सख्त मौद्रिक नीति के बावजूद वापसी की उम्मीद
रिज़र्व बैंक की सख्त मौद्रिक नीति को देखते हुए भी इंडिया रेटिंग्स को इसकी तेज वापसी की उम्मीद बढ़ गई है. उसका कहना है, ‘हम यथास्थिति की उम्मीद करते हैं या सबसे अच्छा होगा कि दिसंबर में रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की जाए.’ वहीं कोटक महिंद्रा बैंक का कहना है, ‘हालांकि महंगाई ऊंची बनी हुई है, यह सितंबर में यह चरम पर थी. अगर स्थिति पक्ष में रही तो मार्च तक महंगाई को 6% से नीचे आ जाएगी.
RBI को है चिंता
एनालिस्ट्स को उम्मीद है कि रेपो रेट में लगातार हो रही बढ़ोतरी चिंताजनक है. इतना ही नहीं, महंगाई के खिलाफ लड़ाई से आर्थिक विकास पर भी अंकुश लग सकता है. नोमुरा के वर्मा और नंदी का कहना है कि यह रिजर्व बैंक को भी बढ़ोतरी को रोकने के लिए मजबूर कर सकता है.