• Fri. Nov 22nd, 2024

    सुप्रीम कोर्ट: एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड के अल्फा न्यूमेरिक नंबर समेत सभी जानकारी साझा करे

    सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित सुनवाई के दौरान यह दिखाया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया केवल चयनित जानकारी को ही साझा नहीं कर सकता। उसे इस संदर्भ में सभी जानकारियों को साझा करना होगा, जो आम तौर पर अंदाज़ा लगाया जा रहा है। इसमें बॉन्ड के अल्फान्यूमेरिक नंबर और सीरियल नंबर भी शामिल हैं।

    Read also:पुतिन ने पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति के रूप में बहुमत से की जीत हासिल

    एसबीआई को इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारियाँ साझा करने के आदेश

    अदालत ने इसके जरिए बताया कि यह वह लिंक है जिससे बॉन्ड के ख़रीदार और इसे हासिल करने वाले का पता चलता है। अदालत ने कहा कि एसबीआई के चेयरमैन और एमडी को गुरुवार शाम पांच बजे से पहले इस शपथपत्र को दाखिल करना होगा कि एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारियां साझा कर दी हैं। उन्होंने किसी भी जानकारी को छिपाने का इरादा नहीं किया है।

    चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की प्रधान बेंच ने सोमवार को इस फ़ैसले में कहा कि स्टेट बैंक को इलेक्टोरल बॉन्ड के सभी संबंधित जानकारियां साझा करना चाहिए, बिना किसी अन्य आदेश के इंतज़ार किए।

    Read also:स्मृति मंधाना ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की जीत के बाद दिया बड़ा बयान

    सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक को इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबरों की जानकारी देने का आदेश दिया

    पिछले सप्ताह, शीर्ष अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधित केस की सुनवाई के दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पूछा कि वह बॉन्ड के अल्फा न्यूमेरिक नंबरों की जानकारी क्यों नहीं दी। अदालत ने उसे नंबरों की जानकारी देने का आदेश दिया था, लेकिन फिर भी यह कार्रवाई नहीं की गई। एसबीआई को यह कार्रवाई करनी चाहिए थी और वह इसे करने में विफल रही।

    Read also:ऑनलाइन आधार अपडेट: जानें फ्री में 10 साल पुराना आधार कैसे अपडेट करें

    सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक महत्वपूर्ण फैसले में केंद्र की इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को खारिज कर दिया था, जिसे असंवैधानिक ठहराया गया था। अदालत ने कहा था कि चुनाव आयोग को इस संबंध में स्टेट बैंक से मिली सभी जानकारियां साझा करनी चाहिए।

    इसके बाद, चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर बॉन्ड खरीदारों और उन राजनीतिक दलों का विवरण प्रकाशित किया, जिन्होंने इसे खरीदा था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एकमात्र वित्तीय संस्था थी जहां से इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे जा सकते थे।

    Read also:अजमेर: साबरमती-आगरा सुपरफास्ट और मालगाड़ी की टक्कर, कई ट्रेनें रद्द

    Share With Your Friends If you Loved it!