बिहार के जहानाबाद में सावन की चौथी सोमवारी के अवसर पर वाणावर पहाड़ स्थित बाबा सिद्धेश्वरनाथ धाम (सिद्धनाथ मंदिर) में एक बड़ा हादसा हुआ। इस भगदड़ में पांच महिलाओं समेत सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 10 से अधिक लोग घायल हो गए। घटना के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने जो खुलासे किए, वे चौंकाने वाले थे। उनका कहना है कि अगर पुलिस और प्रशासन सतर्क होते, तो यह हादसा नहीं होता। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के कारण भगदड़ मची। पुलिस की लाठी के डर से लोग इधर-उधर भागने लगे।
प्रत्यक्षदर्शी मनोज कुमार ने बताया कि सीढ़ियों पर फूलवालों के बीच झगड़ा हुआ, और वहां पुलिस की उपस्थिति नहीं थी। अगर पुलिसकर्मी वहां होते, तो यह झगड़ा भी नहीं होता। उन्होंने कहा कि कई लोग वहां फंसे हुए थे, और मुझे किसी ने वहां से निकाला। अगर मैं एक या दो मिनट और वहां फंसा रहता, तो भगदड़ में मेरी भी मौत हो जाती। वहीं, अस्पताल में एक महिला ने बताया कि धक्का-मुक्की के कारण ही भीड़ बेकाबू हो गई और यह हादसा हुआ।
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सिद्धनाथ मंदिर हादसे में प्रशासन की लापरवाही
वहीं मखदुमपुर निवासी कृष्णा कुमार ने दावा किया है कि सात से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि जहानाबाद सदर अस्पताल में कोई विधि व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं जहानाबाद पहाड़ पर भी प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। केवल चार-पांच पुलिसकर्मी किनारे-किनारे खड़े थे। कोई देखरेख करने वाला नहीं था। इस कारण दर्शन करने वाले श्रद्धालु मनमानी कर रहे थे। धक्का-मुक्की करते हुए आगे बढ़ रहे थे। दो तरफ से रास्ता खुलने के कारण ऊपर काफी भीड़ हो जाती है। इसी कारण भगदड़ मची। एक-एक एंबुलेंस में चार-चार लोगों की लाशें लोड कर भेजी गई है।
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अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में दो श्रद्धालु भर्ती
इधर, गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दो श्रद्धालुओं को भर्ती कराया गया है। भर्ती श्रद्धालु के परिजन रमेश यादव ने बताया कि वह जहानाबाद जिले के काको का रहने वाला है। वह अपनी पत्नी के अनुराधा देवी के साथ सिद्धेश्वरनाथ मंदिर जल चढ़ाने के लिए जा रहा था। मंदिर के समीप श्रद्धालुओं के बीच धक्का-मुक्की हो गई। पुलिस वहां लोगों को समझाने पहुंची। पुलिस ने हालात पर नियंत्रण पाने की कोशिश की लेकिन अचानक भगदड़ मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भगाने लगे। जिस वक्त घटना हुई उस वक्त करीब 500 से अधिक श्रद्धालुओ की भीड़ थी। इसी दौरान उसकी पत्नी अनुराधा देवी गंभीर रूप से घायल हो गई है। इसे अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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