विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा (FIFA) द्वारा भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ/AIFF) को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने पर केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। मंगलवार को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की पीठ को बताया कि फीफा ने भारत को निलंबित करते हुए एक पत्र भेजा है जो पब्लिक डोमेन में है और इसे रिकॉर्ड में लाने की जरूरत है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बुधवार की तारीख तय की जा चुकी है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर कल प्रमुखता से सुनवाई की जाएगी।
हस्तक्षेप के कारण AIFF को निलंबित करने का फैसला
दरअसल, मंगलवार को FIFA ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण AIFF को निलंबित करने का फैसला लिया था। फीफा के नियमों और संविधान के गंभीर उल्लंघन की वजह से यह निर्णय लिया गया। भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को अपने 85 साल के इतिहास में पहली बार फीफा से निलंबन झेलना पड़ा। फीफा के इस फैसले ने अक्तूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी के अधिकार भी भारत से छीन लिए।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने मई में एआईएफएफ को भंग कर दिया था और खेल को संचालित करने, एआईएफएफ के संविधान में संशोधन करने और 18 महीने से लंबित चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय समिति (CoA) की नियुक्त की थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने AIFF अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को 18 मई को उनके पद से हटा दिया था।
जवाब में, फीफा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ ने एएफसी महासचिव विंडसर जॉन के नेतृत्व में एक टीम को भारतीय फुटबॉल के हितधारकों से मिलने के लिए भेजा और एआईएफएफ के लिए जुलाई के अंत तक अपनी विधियों में संशोधन करने और बाद में 15 सितंबर तक नवीनतम चुनाव संपन्न करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया था। फीफा चाहता था कि AIFF में चुनाव हो, नए तरीके से एसोसिएशन का गठन हो ताकि फीफा और AIFF के संविधान के तहत मिलकर काम कर सके।
कौन है तीसरा पक्ष, जिसके हस्तक्षेप से शुरू हुआ मामला?
एआईएफएफ के चुनाव फीफा परिषद के सदस्य प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व में दिसंबर 2020 तक होने थे, लेकिन इसके संविधान में संशोधन पर गतिरोध के कारण इसमें देरी हुई। इसके बाद इसी महीने की शुरुआत में (तीन अगस्त) सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत चुनाव कराने का आदेश दिया था और कहा था कि निर्वाचित समिति (CoA) तीन महीने की अवधि के लिए एक अंतरिम निकाय होगी।
इसके बाद पांच अगस्त को फीफा ने तीसरे पक्ष (CoA) के हस्तक्षेप को लेकर भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को को निलंबित करने की धमकी दी थी। इसके साथ ही फीफा ने अक्तूबर में होने वाले महिला अंडर-17 विश्वकप की मेजबानी के अपने अधिकार भी छीन लेने की चेतावनी दी थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त प्रशासकों की समिति (CoA) ने चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी। 28 अगस्त को चुनाव होने हैं।
11 अक्तूबर से शुरू होना था अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्वकप
अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्वकप 11 से 30 अक्तूबर तक भुवनेश्वर, गोवा और मुंबई में आयोजित होना प्रस्तावित था। इसकी सफल मेजबानी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जवाबदेही पत्र पर हस्ताक्षर कर अपनी मंजूरी पहले ही दे दी थी। हालांकि, अब AIFF पर निलंबन के परिणामस्वरूप 11 से 30 अक्तूबर तक होने वाला आगामी फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप स्थगित रहेगा।
फीफा ने कहा कि टूर्नामेंट का भविष्य तय समय में तय किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले को ब्यूरो ऑफ काउंसिल को भेजा जा सकता है। फीफा ने साफ कहा है कि अब यह आयोजन अपने तय समय के अनुसार भारत में आयोजित नहीं हो सकता है। भारत में विश्व कप को लेकर तैयारी हो चुकी थी। ऐसे में वर्ल्ड कप नहीं होने पर भारत को काफी नुकसान होगा।