• July 7, 2024

इलेक्टोरल बॉन्ड नंबर जारी न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से 18 मार्च तक मांगा जवाब

Supreme Court of India

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें चुनावी बॉन्ड पर सीलबंद लिफाफे वापस करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की और एसबीआई से पूछा कि इलेक्टोरल बॉन्ड के नंबर्स क्यों नहीं जारी किए, ताकि दानदाता और राजनीतिक पार्टियों के बीच का लिंक पता चल सके। सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च तक एसबीआई से इस मामले पर जवाब मांगा है।

Also Read: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की हुई कटौती

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश के निर्देश

चुनाव आयोग के सीलबंद लिफाफे वापस करने की मांग पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि डाटा को स्कैन और डिजिटलीकरण किया जा रहा है, इसमें एक दिन का समय लग सकता है। जैसे ही पूरा डाटा स्कैन हो जाएगा, तो मूल डाटा को चुनाव आयोग को वापस कर दिया जाएगा। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि एसबीआई की तरफ से कौन पेश हुआ है? एसबीआई ने बॉन्ड नंबर जारी नहीं किए हैं। स्टेट बैंक को इनका खुलासा करना चाहिए। स्टेट बैंक को सारी जानकारी प्रकाशित करनी होगी। 

Also Read: India Tops as Canada Welcomes 400,000 Permanent Residents

एसबीआई को चुनावी बॉन्ड के जानकारी प्रदान करने के लिए नोटिस जारी

चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान पीठ ने अपने आदेश में कहा था कि एसबीआई को चुनाव आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी, उन्हें कैश करने वाले राजनीतिक दल की जानकारी, चुनावी बॉन्ड खरीद की तारीख, चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले यानी दानदाता की जानकारी और चुनावी बॉन्ड खरीद की तारीख और उन्हें कैश करने की तारीख की पूरी जानकारी देनी थी, लेकिन एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड के यूनिक अल्फा न्यूमेरिक नंबर की जानकारी नहीं दी है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है। एसबीआई को 18 मार्च तक अपना जवाब देना है। 

Also Read: Spotify ने की YouTube को टक्कर देने की तैयारी, टेस्ट कर रहा फुल म्यूजिक वीडियो फीचर

चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश

चुनावी बॉन्ड के खिलाफ याचिका दायर करने वाले एडीआर के वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कहा कि अदालत ने एसबीआई द्वारा चुनाव आयोग को मुहैया कराई गई जानकारी का मुद्दा उठाया है। एसबीआई द्वारा दी गई जानकारी में अल्फा न्यूमेरिक नंबर की जानकारी नहीं दी गई है, जिससे पता चलता कि किस व्यक्ति ने बॉन्ड खरीदा और वह बॉन्ड किसी राजनीतिक पार्टी ने कैश कराया। कोर्ट ने इस मामले में एसबीआई को नोटिस जारी कर मामले को सुनवाई के लिए सोमवार को लिस्टेड किया है। 

Also Read: Trans-Siberian Railway: A Journey Across 9,289 Kilometers

सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना पर लगा दी थी रोक

बीती 15 फरवरी को पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र की इलेक्टोरल बॉन्ड्स योजना को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी। साथ ही कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के एकमात्र फाइनेंशियल संस्थान एसबीआई बैंक को 12 अप्रैल 2019 से अब तक हुई इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद की पूरी जानकारी 6 मार्च तक देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें एसबीआई बैंक ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जानकारी साझा करने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी।

Also Read: Former Karnataka CM BS Yediyurappa booked under POCSO

Share With Your Friends If you Loved it!