अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई झड़प और इसको लेकर चल रही बयानबाजी के बीच भारतीय रक्षा विशेषज्ञों ने कहा भारत चीन के किसी भी हरकत का सामना करने को पूरी तरह से तैयार है। समाचार चैनल आजतक पर चर्चा के दौरान रक्षा विशेषज्ञ ले. ज. शंकर प्रसाद (रिटायर्ड) ने कहा कि चीन 1962 के बाद से लगातार सीमा पर जमावड़ा कर रहा है। वह कभी वहां चौकियां बनाता है तो कभी अपनी सेना से घुसपैठ करने की कोशिश करता है, लेकिन भारत पिछले आठ-दस सालों से इसके प्रति गंभीरता दिखाई है।
ले.ज. शंकर प्रसाद (रिटायर्ड) ने कहा, “चीन के साथ संबंध बहुत ही कठिन और गंभीर हैं
उन्होंने कहा कि भारत हर हमले के बाद चीन को करारा जवाब दिया है। भारतीय सैनिक पूरी तरह से ऐसा करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, “चीन के साथ हमारे संबंध बहुत ही कठिन और गंभीर हैं। इतने साल हो गये हैं लेकिन अभी तक चीन के साथ सीमा विवाद पर कोई समझौता नहीं हो सका है। चीन कहता है कि हमारी सीमा यह है और हम कहते हैं कि हमारी सीमा यह है।”
ले. ज. शंकर प्रसाद (रिटायर्ड) ने कहा, “चीन ने हमारी सीमा पर 1962 से ही इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत कर रहा था। पिछले 8-10 सालों से जब हमने देखा कि हमारे खिलाफ वह तेजी से आगे बढ़ रहा है, तब हम गंभीर हुए और सेना को माडर्नाइज करके वहां तैनात किया। इसके दो पहलू हैं। एक है ग्राउंड लेवल पर टैक्टिकल जिसे शार्ट टर्म कहते हैं और दूसरा होता है लांग टर्म स्ट्रैटेजिक।” उन्होंने बताया, “भारत की सेना आज की तारीख में जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है। यह लड़ाई यूनिट लेवल और कमीशन लेवल की है।”
लेफ्टिनेंट जनरल शंकर प्रसाद ने कहा, “टैक्टिकल लेवल पर हमें बहुत ही आक्रामक होकर जवाब देना चाहिए। हम हर तरह से सक्षम हैं। सरकार को चाहिए को वह सेना को पूरी छूट दे ताकि हमारे जवान आगे बढ़कर उनका सामना कर सकें। इसमें राजनीतिक रवैया नहीं अपनाना चाहिए।”
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद सेना के एडजुटेंट जनरल लेफ्टिनेंट जनरल सी बी पोनप्पा ने मंगलवार को कहा कि सब कुछ ठीक है और स्थिति नियंत्रण में है। भारतीय सेना ने सोमवार को कहा था कि नौ दिसंबर को झड़प होने के कारण ‘‘दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं।’’