ब्रह्मोस के प्रमुख अतुल दिनकर राणे ने कहा कि ब्रह्मोस एक अत्यंत खतरनाक हथियार है। उन्होंने एक्सक्लूसिव बातचीत में इसे दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार बताया। वे बताया कि ब्रह्मोस को और खतरनाक बनाने के लिए कार्रवाई की जा रही है, लेकिन वे यह नहीं बता पाए कि क्या कार्रवाई है। लेकिन उन्होंने दावा किया कि ब्रह्मोस के सामने कोई और हथियार नहीं खड़ा हो सकता। उन्होंने कहा कि उनके पास उन्हें हराने का हथियार नहीं है और उनकी तेजी बहुत अधिक है। वह इसे अपना कवच और एक्यूरेसी मानते हैं।
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ब्रह्मोस: 25 साल का सफर और नई उन्नति की दिशा
उन्होंने बताया कि ब्रह्मोस का उद्घाटन 25 साल पहले हुआ था और उसके बाद से हमने इसमें कई सुधार किए हैं। आज हम जो काम कर रहे हैं, उसमें और भी सुधार करेंगे। यह हथियार बड़ा और भारी है, और हम इसे और भी बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे हैं।
भारतीय उद्योगों पर भरोसा किया गया है और हम उनमें प्रमुख हैं। हमें एक बड़ा और छोटा आर्डर मिला है। अब उद्योगों का समय है सरकार को देने का। ब्रह्मोस आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। अब हमारा प्रयास है कि सरकार ने हमें कुछ दिया है, अब हमें उसे पूरा करके दिखाना है। हमें पहला कांट्रैस्ट मिला है फिलीपींस का और हमें उसे पूरा करने का लक्ष्य है। उसके बाद हम सभी अन्य कामों में लग जाएंगे।
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सुपरसोनिक मिसाइल जो हमारे पास है, वह एक ऐसा हथियार है जो दुनिया में किसी और के पास नहीं है। हमारे देश को इस पर गर्व है। ब्रह्मोस का उपयोग नौसेना या सेना अपनी विवेकानुसारता से करेगी। इसका लक्ष्य किसी भी हवाई लक्ष्य को नहीं छोड़ा जाएगा।
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