पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि बीजेपी के शासन में देश पर ‘सुपर इमरजेंसी’ थोप दी गई है. ममता बनर्जी ने यह प्रतिक्रिया असम के सिलचर एयरपोर्ट पर टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल को रोकने पर दी. एनआरसी के आये ड्राफ्ट के वजह से शुरू हुए राजनैतिक घमासान के चलते सिलचर में पहलेसेही धारा १४४ लागू है. इसके बावजूद टीएमसी के ६ सांसद और दो विधायक पश्चिम-बंगालसे असम एक सभा करने पहुंचे। ये पता चलतेही वह के प्रशासन ने ऐतिहातन उन्हें एअरपोर्ट पर ही रोक लिया और शहर न जानेकी बिनती की। जब नेता बात समजनेके बजाय पुलिसपरही बदसलूकी करने लगे तब पुलिस ने उन्हें सौम्य बलपूर्वक बाहर जानेसे रोका।
इस पुरे वाकिये की जानकारी जब ममता बनर्जीममता बनर्जी को लगी तब वो केंद्र सरकार पर बिफरी और देश में अघोषित आपातकाल होने की बात कही. उन्होंने कहा की टीएमसी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य पीड़ितों से मिलने जा रहे थे, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया गया. एयरपोर्ट के अंदर उन्हें पुलिस ने पीटा. औरतों तक को नहीं बख्शा गया. अगर वहां सब कुछ शांतिपूर्ण है तो सरकार क्यों इतनी रूखाई से पेश आ रही है. ये तथ्यों को दबाने के लिए किया जा रहा है. असम के लोग दहशत में हैं. बीजेपी सरकार सुपर इमरजेंसी सरकार की तरह बाहुबल दिखा रही है.’
टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी ने बीजेपी पर राजनीतिक शिष्टाचार की कमी का आरोप लगाया. ममता बनर्जी ने कहा कि इस साल के शुरू में आसनसोल में साम्प्रदायिक दंगों के बाद धारा 144 लागू होने के बावजूद बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल को उनकी सरकार ने वहां जाने की अनुमति दी थी.
बीजेपी नेताओंने ममता के बयान को बताया दुर्भाग्यपूर्ण – कहा डर गयी है ममता
बीजेपी के नेताओ ने ममता के बायनोको दुर्भाग्यपूर्ण कहते हुए पुलिस की कार्यवाही को सराहना की है. बाबुल सुप्रियो ने कहा की ममता असम की जनता को गुमराह करनेकी कोशिश कर रही है. उनका काम करनेका स्टाइल तानाशाह की तरह है और वो केंद्रसरकार पर इमरजेंसी लादनेका आरोप कर रही है. दरअसल ममता एनआरसी की कार्यवाही से दर गई है. कहा जाता है की पश्चिम बंगाल में लाखो लोग अवैध रूप से आये है जो की ममता के बड़े वोटबैंक के रूप में देखे जाते है. अगर असम के बाद बंगाल में भी एनआरसी संशोधन करे तो हो सकता है की कईयों की कलई खुल जाए.
Comments are closed.