सर्दियों का मौसम आते ही अंडों की डिमांड बढ़ जाती है. अंडा सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है और इसमें सेहत के कई राज छिपे हैं. उत्तर प्रदेश में भी मौसम के साथ अंडों की मांग बढ़ चुकी है, लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और आंध्र प्रदेश से अंडे और चिकन का निर्यात नहीं करेगा. अंडा उत्पादन और चिकन के मामले में आत्मनिर्भर बनने के उद्देश्य से योगी सरकार ने नई पोल्ट्री नीति पेश की है.
पांच वर्षों के लिए प्रभावी होगी नीति
कुक्कुट विकास नीति अगले पांच वर्षों के लिए प्रभावी होगी, इस दौरान प्रदेश में 700 इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य भी तय किया गया है। राज्य सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में 1.90 लाख अंडा प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के कामर्शियल लेयर फार्म की स्थापना तथा प्रतिवर्ष 1.72 करोड़ ब्रायलर चूजों के उत्पादन के लिए ब्रायलर पेरेंट फार्म की स्थापना का है। योजना के तहत डेडीकेटेड पोर्टल, डाटाबेस मैनेजमेंट तथा प्रोजेक्ट फैसीलिटेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। लाभार्थियों के सभी आवेदन इसी पोर्टल पर लिए जाएंगे। चयनित लाभार्थियों का प्रशिक्षण राष्ट्रीय स्तर की ख्याति प्राप्त संस्थाओं के माध्यम से किया जाएगा।
ऋण के ब्याज की भरपाई करेगी सरकार
इकाइयों पर लाभार्थी को बैंक से प्राप्त ऋण पर 60 माह तक सात प्रतिशत ब्याज की प्रतिपूर्ति की जाएगी। परियोजनाओं का वित्त पोषण 30 प्रतिशत मार्जिन मनी तथा 70 प्रतिशत ऋण के अनुपात में होगा। यदि लाभार्थी इस अवधि के कम ऋण प्राप्त करता है तो इकाई लिए गए वास्तविक ऋण पर सात प्रतिशत या बैंक द्वारा निर्धारित दर में से जो भी कम होगा उसकी गणना करते हुए ब्याज की अदायगी की जाएगी। प्रस्तावित नीति में ब्याज पर 259 करोड़ रुपये का भार आने का अनुमान है।