आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने घोषणा की कि विशाखापत्तनम राज्य की अगली राजधानी होगी। यह 2014 में आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद हुआ, जब हैदराबाद को 10 वर्षों के लिए दोनों राज्यों की साझा राजधानी घोषित किया गया था। इस समय अवधि के पूरा होने के बाद, हैदराबाद को तेलंगाना को सौंपने का निर्णय लिया गया। ऐसे में आंध्र प्रदेश को 2024 से पहले राजधानी की घोषणा करनी पड़ी।
इससे पहले 23 अप्रैल 2015 को चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा सरकार ने अमरावती को आंध्र प्रदेश की अगली राजधानी घोषित किया था। इसके बाद 2020 में जगन सरकार ने ही आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां होने की बात कही थी। इनमें अमरावती, विशाखापत्तनम और कुरनूल का नाम सामने आया था। हालांकि, बाद में वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया था और अमरावती को ही राजधानी बनाने की बात कही थी।
हाल के महीनों में वाईएसआर कांग्रेस द्वारा टीडीपी पर महत्वपूर्ण आरोप लगाए गए हैं। टीडीपी नेता और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू इस विवाद के केंद्र में रहे हैं, रेड्डी सरकार ने भी कथित घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी। नायडू ने आरोप लगाया है कि अमरावती में कई जगहों को लेकर एक्शन प्लान पहले ही सामने आ गया था, लेकिन टीडीपी नेता ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।