वक्फ संशोधन विधेयक पर शुक्रवार को जॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी (जेपीसी) की बैठक के दौरान माहौल गरम हो गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आरोप लगाया कि विभिन्न राज्यों के वक्फ बोर्ड उसके संरक्षण में आने वाले 120 से अधिक स्मारकों पर अपना दावा कर रहे हैं, जिनमें से कुछ स्मारकों को एएसआई ने आजादी से पहले ही संरक्षित घोषित किया था। एएसआई के इस बयान के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच तीखी बहस शुरू हो गई।
संसद की बैठक में एएसआई पर तीखे सवाल
हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मीटिंग के पहले सत्र में कुछ विपक्षी और बीजेपी सदस्यों के बीच कहासुनी हो गई। एएसआई को दोनों पक्षों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। विपक्षी सदस्यों ने संस्कृति मंत्रालय पर गुमराह करने का आरोप लगाया, जो एएसआई की देखरेख करता है। उनका कहना था कि मंत्रालय ‘वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी’ की गलत सूचनाओं को फैला रहा है।
एएसआई ने 53 स्मारकों की सूची पेश की
एएसआई ने अपने प्रेजेंटेशन में 53 स्मारकों की एक लिस्ट पेश की, जिन पर वक्फ बोर्ड अपना दावा जता रहे हैं। इनमें से कुछ को एएसआई द्वारा संरक्षित घोषित किए जाने के तकरीबन एक सदी बाद वक्फ संपत्ति घोषित किया गया था। एएसआई आजादी के पहले से वजूद में है। विपक्षी सदस्यों ने संस्कृति मंत्रालय के सचिव पर भी निशाना साधा।
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इससे पहले, गुरुवार को भी वक्फ बिल पर जेपीसी की मीटिंग हुई थी और उसमें भी सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई थी। गुरुवार की मीटिंग में विपक्षी सदस्यों ने सवाल किया कि आखिर बिल लाए जाने की जरूरत ही क्या है। मीटिंग के दौरान एक बार तो गरमागरमी का माहौल इतना बढ़ गया कि जेपीसी चेयरमैन और बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल को दखल देकर सांसदों को शांत कराना पड़ा। बैठक में शहरी विकास और परिवहन सचिव अनुराग जैन, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सतीश गौतम, रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंफ्रास्ट्रक्चर) अनिल कुमार खंडेलवाल समेत कई अधिकारी शामिल हुए।
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बीजेपी सांसद ने शत्रु संपत्तियों पर भी दावा करने का आरोप लगाया
अधिकारियों ने इस दौरान सांसदों के सामने प्रजेंटेशन भी दिया। उन्होंने जानकारी दी कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ही 200 सरकारी संपत्तियों पर दावा ठोकते हुए वक्फ बोर्ड अपना बता रहा है। इस दौरान, जेपीसी सदस्य और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि शत्रु संपत्तियों तक पर वक्फ बोर्ड दावा कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वक्फ बोर्ड का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ धार्मिक और लोककल्याण के कामों में हो, न कि व्यक्तिगत हित के लिए।
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