फ़ाली एस. नरीमन, जो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील रहे थे, उनकी पहचान एक उत्कृष्ट वकील के रूप में थी. उन्होंने कई किताबें भी लिखी थीं, और 1999-2005 तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे थे. फ़ाली एस. नरीमन का 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उनका निधन उनके दिल्ली के आवास पर हुआ, और जानकारी के अनुसार, वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे. कांग्रेस नेता अभिषेक मु सिंघवी ने ट्विटर पर लिखा है कि एक युग का अंत हो गया है, और फ़ाली नरीमन अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. उन्हें हमेशा दिलों में याद किया जाएगा.
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फ़ाली एस. नरीमन, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील के रूप में अपनी पहचान बनाई, उनका 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने 1999 से 2005 तक भारतीय राज्यसभा के सदस्य भी रहे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी जीवनयात्रा की सराहना की.
फ़ाली नरीमन ने अपने करियर में न्याय के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण किताबें लिखीं और 1972 से 1975 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल भी रहे. उन्होंने इमरजेंसी के दौरान अपने पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने NJAC, SCAoR एसोसिएशन केस, TMA Pai केस जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों में बहस की, जिनसे देश के कानून में बदलाव हुआ.
फ़ाली नरीमन को पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया और उन्होंने एक किताब भी लिखी. उन्हें 70 साल तक सुप्रीम कोर्ट और हाइकोर्ट में वकालत का अनुभव था और उन्हें देश के प्रमुख वकीलों में से एक माना जाता है. उन्होंने दिल्ली में अपने आवास पर अंतिम सांस ली, जिससे उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया जाएगा.
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