झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का लंबी और कठिन बीमारी के बाद आज सुबह निधन हो गया। वे लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे थे और पिछले महीने एक रात उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो उन्हें पहले रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिर एयर एंबुलेंस से बेहतर इलाज के लिए चेन्नई के एमजीएम अस्पताल ले जाया गया। उनका इलाज यहीं चेन्नई में चल रहा था।
कोरोना से संक्रमित होने के बाद बिगड़ा हाल
बता दें कि रांची के पारस हॉस्पिटल में जब उन्हें एडमिट किया गया था, तब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अस्पताल जाकर उनसे मुलाकात की थी और चेन्नई ले जाकर जांच कराने की सलाह भी दी थी। इस दौरान उन्होंने जगरनाथ महतो को टाइगर बताते हुए उनके जल्दी ठीक होने की कामना की थी।
दो साल पहले कोरोना महामारी से संक्रमित होने के बाद उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया था। इस दौरान चेन्नई एमजीएम में ही उनके लंग्स का ट्रांसप्लानटेशन हुआ था और अब फॉलो अप के लिए उन्हें वहीं भेजा गया था। इससे पहले अक्टूबर, 2018 में उन्हें हार्ट अटैक आया था। उनकी एक बार एनजीओप्लास्टी भी हो चुकी है।
टाइगर के नाम से थे मशहूर
जगरनाथ महतो गिरिडीह जिले के डुमरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे, उनकी गिनती झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेताओं में होती थी। वह डुमरी विधानसभा से निर्वाचित काफी लोकप्रिय विधायक थे। क्षेत्र में वह टाइगर के नाम से जाने जाते थे। उनके पास उत्पाद विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार था। शिक्षा मंत्री के रूप में 65 हजार पारा शिक्षकों के स्थायीकरण के लिए सेवाशर्त नियमावली लागू करना इनकी बड़ी उपलब्धि मानी जा रही थी।