पिछले 30 वर्षों में आतंकियों को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान का घिनौना चेहरा दुनिया के सामने उजागर हो चुका है। हालांकि आतंकवाद ने सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही नहीं, पूरे भारत को गहरे जख्म दिए हैं। सेना और अर्धसैनिक बलों ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को हर बार करारा जवाब दिया है, लेकिन इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। बीते 32 वर्षों में औसतन चार आतंकी को मारने के बदले भारत ने एक जवान और दो आम नागरिकों को खोया है।
नौ राज्य आतंकवाद से अति प्रभावित, जम्मू-कश्मीर सबसे ज्यादा निशाने पर
नई दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट फॉर कनफ्लिक्ट मैनेजमेंट के एक अध्ययन के मुताबिक, आतंकवाद और उग्रवादियों को लेकर भारत में नौ राज्य अति संवेदनशील हैं, जिनमें सबसे ज्यादा प्रभावित जम्मू कश्मीर है। यहां 1988 से लेकर 2019 तक 56 हजार आतंकी वारदातें हुई हैं। बेशक, इसके जवाब में हमारी फौज ने 23,386 आतंकियों को मार गिराया, लेकिन भारत के 14,930 आम नागरिकों की मौत हुई। वहीं, 6,413 जवान शहीद हो गए।
Also Read : LOC नहीं बाध्यकारी; शिमला समझौता निलंबन से पाकिस्तान को झटका
अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, पंजाब और त्रिपुरा में भी हर साल आतंकी और उग्रवादियों के हमलों में जम्मू-कश्मीर जैसी ही तस्वीर देखने को मिलती है, जिसमें आम नागरिकों और सैन्य जवानों के शहीद होने की संख्या कम नहीं है।
Also Read : दिल्ली: आज से गर्मी तेज, तापमान 42°C तक
राजौरी और ऊधमपुर में फिर बढ़ी आतंकी हलचल
अध्ययन के मुताबिक, लंबे अंतराल के बाद साल 2022 में जम्मू-कश्मीर के दो जिलों राजौरी और ऊधमपुर में नागरिकों की हत्या यह संकेत देती है कि जिन क्षेत्रों को कुछ साल पहले आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया, फिर से पाकिस्तान समर्थित आतंकी समूहों के दायरे में आ गए हैं। पहलगाम हमले में बेशक आतंकियों ने सैलानियों को निशाना बनाया, लेकिन यह रिपोर्ट बीते 25 साल की स्थिति भी बता रही है, जिसके अनुसार, छह मार्च, 2000 से 22 अप्रैल 2025 तक जम्मू-कश्मीर में 12,037 आतंकी घटनाओं में 4,980 बेकसूर लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
Also Read : SC ने राहुल गांधी को फटकार लगाई, स्वतंत्रता सेनानियों पर टिप्पणी नहीं सहेंगे
चार सालों में टीआरएफ के 41 आतंकी ढेर किए गए
केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं, पहलगाम हमले को अंजाम देने वाला आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) घाटी में अनुच्छेद-370 हटने के दौरान पैदा हुआ। तब से इसका एकमात्र टारगेट आम नागरिक हैं। 2020 से पहलगाम हमले तक, टीआरएफ ने 32 बार हमले किए हैं, जिनमें 48 लोगों की जान गई है। अब तक इस संगठन के 41 आतंकियों को मारा जा चुका है। बीते महीने गृह मंत्रालय ने सूची अपडेट करते हुए इसे आतंकी संगठनों में शामिल किया है।
1988 से अब तक भारत में मारे गए लोगों में 47% आतंकी शामिल
दक्षिण एशिया आतंकवाद पोर्टल (एसएटीपी) के मुताबिक, 1988 से अब तक हमलों में मरने वालों में 47 फीसदी आतंकी थे, जिन्हें भारतीय फौज ने अलग-अलग ऑपरेशन में मार गिराया। हालांकि बाकी मृतकों में 40 फीसदी आम नागरिक भी रहे हैं जिन्हें बेवजह अपनी जान गंवानी पड़ी है।
16 सालों में 9,000 बार सीजफायर उल्लंघन
पाकिस्तान ने 16 साल में 9,014 बार सीज फायर का उल्लंघन किया है, जिसमें 59 भारतीय मारे गए। इन हमलों में सेना के 57 और अर्ध सैनिक बलों के 42 जवान भी शहीद हुए।
मिट्टी में मिले आतंकियों के घर: 48 घंटे में नौ दहशतगर्दों के मकान किए गए तबाह, अभी जारी रहेगा आतंक पर प्रहारइसी तरह, पाकिस्तान ने साल 2001 से 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर में 11 हजार बार घुसपैठ की, जिन्होंने 12 हजार आतंकी वारदातों को अंजाम दिया।