बंगाल में कांग्रेस के कार्यकर्ता अपनी ही लीडरशिप पर लगातार सवाल उठा रहे हैं।
वे पूछ रहे हैं कि हम तृणमूल के साथ हैं या उनके विरोध में।
दरअसल, उनका यह गुस्सा 4 मई को अचानक सातवें आसमान पर तब पहुंच गया जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम राज्य में पहुंचे।
कांग्रेस लीगल सेल के कार्यकर्ताओं ने उनको काले झंडे दिखा कर विरोध जताया।
वे वहां पार्टी या संगठन के लोगों से मिलने नहीं बल्कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगे उस आरोप को गलत साबित करने गए थे।
जो उनकी ही पार्टी के कद्दावर नेता अधीर रंजन चौधरी ने लगाया था ।
चिदंबरम वहां बतौर एडवोकेट कलकत्ता हाईकोर्ट में मेट्रो डेयरी स्कैम की साझा आरोपी कंपनी कैवेंटर के डिफेंस लॉयर बनकर पहुंचे।
ये कांग्रेस के नेता हैं या TMC के वकील
यूथ कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी चंदन डे के मुताबिक, ‘बूथ स्तर का कार्यकर्ता हमसे सवाल कर रहा है, हम क्या TMC के साथ हाथ मिलाने वाले हैं? क्या कांग्रेस अब राज्य में TMC की बी पार्टी बनकर रहेगी?’ वे कहते हैं, ‘दिल्ली की टॉप लीडरशिप को स्पष्ट करना चाहिए कि बंगाल कांग्रेस की स्थिति क्या है?
चिदंबरम, मनु सिंघवी, कभी कपिल सिब्बल यहां TMC के नेताओं पर लगे आरोपों के खिलाफ कोर्ट में केस लड़ते हैं।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के स्पोक्सपर्सन और कलकत्ता हाईकोर्ट में एडवोकेट कौस्तुभ बागची कहते हैं, ‘मैं हैरान था कि आखिर पी. चिदंबरम यहां क्या करने यहां आए हैं? वे उस याचिका को निरस्त करने की गुहार करने कोर्ट में आए हैं जो उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता ने लगाई है।
मेट्रो डेयरी स्कैम में जिस कंपनी के शेयर बेचे गए उस कंपनी की प्रार्थना लेकर वे कोर्ट पहुंचे थे ।
अगर वह कंपनी याचिका रद्द कराने में कामयाब हो जाती है तो TMC खुद ब खुद उस स्कैम के आरोप।