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    शिवसेना सांसद संजय राउत ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने अखंड भारत के निर्माण की बात कही थी। गुरुवार को संजय राउत ने कहा कि आप(मोहन भागवत) अखंड भारत बना लीजिए लेकिन 15 साल का नहीं 15 दिन का वादा कीजिए और अखंड हिंदुस्तान बनाइए। अखंड हिंदुस्तान का सपना कौन नहीं देखता है। वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे का ये सपना था तो सबसे पहले आप वीर सावरकर को भारत रत्न दीजिए।

    राउत ने आगे कहा कि कोई अखंड हिंदुस्तान की बात करता है तो उन्हें सबसे पहले PoK और भारत से जोड़ना पड़ेगा फिर जो पाकिस्तान का विभाजन हुआ था उसे भी भारत से जोड़ना पड़ेगा। राउत ने आगे कहा कि पहले जहां भी भारत की सीमाएं हुआ करती थी उसे भी जोड़िए। श्रीलंका को भी जोड़िए और फिर एक महासत्ता बना लीजिए। आपको किसी ने नहीं रोका, लेकिन उससे पहले कश्मीरी पंडितों की घर वापसी करवा दीजिए और अगर आप ये कर लेते हैं तो हम आपका समर्थन जरूर करेंगे।

    मोहन भागवत ने कहा कि ‘सनातन धर्म’ और ‘भारत’ समान शब्द हैं

    मोहन बागवत ने दिया था ये बयान
    आरएसएस प्रमुख मोहन बागवत बुधवार को उत्तराखंड के कनखल में एक कार्यक्रम में कहा, ‘ज्योतिषियों का मानना है कि अगले 20 से 25 सालों में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा। अगर हम सब मिलकर इस कार्य की गति को आगे बढ़ाएं तो 10 से 15 सालों में ही भारत अखंड भारत बन जाएगा।’ राउत ने इसी पर पलटवार किया है।

    भारत के रास्ते में आने वाला मिट जाएगा: भागवत
    भागवत ने कहा कि ‘सनातन धर्म’ और ‘भारत’ समान शब्द हैं। लेकिन जब राज्य बदलता है तो राजा भी बदल जाता है। भारत लगातार प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है।

    इसके रास्ते में जो आएंगे वह मिट जाएंगे।

    मोहन भागवत ने कहा,’सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र है।

    आने वाले 15 सालों में भारत फिर से अखंड भारत बनेगा।

    हम अहिंसा की ही बात करेंगे, पर यह बात हाथों में डंडा लेकर कहेंगे।

    हमारे मन में कोई द्वेष, शत्रुता भाव नहीं है|

    लेकिन दुनिया शक्ति को ही मानती है तो हम क्या करें।’

    भगवान कृष्ण का दिया उदाहरण
    संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जैसे भगवान कृष्ण की अंगुली से गोवर्द्धन पर्वत उठ गया था।

    लेकिन गोपालों ने सोचा कि उनकी लकड़ियों के बल पर गोवर्द्धन पर्वत रुका हुआ है।

    जब भगवान कृष्ण ने अंगुली हटाई तो पर्वत झुकने लगा।

    तब गोपालों को पता चला कि पर्वत तो भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली से रुका हुआ है।

    ऐसे ही लकड़ियां तो हम सब लगाएंगे, पर संतगणों के रूप में इस महान कार्य के लिए अंगुली लगेगी तो स्वामी विवेकानंद|

    महर्षि अरविंद के सपनों का अखंड भारत बनाने में जल्द सफलता मिलेगी।

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