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    भाजपा नेता और सांसद किरीट सोमैया, शिवसेना नेता और परिवहन मंत्री अनिल परब के कथित साईं रिसॉर्ट को गिराने की मांग को लेकर दापोली पहुंचे हैं। सोमैया ने मुंबई से दापोली के बीच एक यात्रा भी निकाली थी। उनके साथ पूर्व सांसद नीलेश राणे भी थे। सोमैया ने इस दौरान हाथ में सिंबॉलिक हथौड़ा लेकर रिसॉर्ट गिराने की बात कही। हालांकि, दापोली पहुंचते ही स्थानीय पुलिस उन्हें अपने साथ पुलिस स्टेशन ले गई। अभी भी नितेश राणे और सोमैया पुलिस अधिकारियों संग चर्चा कर रहे हैं और रिसॉर्ट को गिराने की मांग पर डटे हुए हैं।

    हालांकि, दापोली के जिस रिसॉर्ट को गिराने की बात सोमैया कह रहे हैं, उसको लेकर परिवहन मंत्री अनिल परब ने कहा कि वह मेरा रिसॉर्ट नहीं है, झूठे आरोपों से मुझे बदनाम किया जा रहा है। फिलहाल सोमैया के उग्र रुख को देखते हुए माना जा रहा है दापोली पुलिस उन्हें हिरासत में ले सकती है।

    ‘हिम्मत है तो अनिल परब का रिसॉर्ट बचा ले उद्धव सरकार’

    दापोली पहुंचे सोमैया ने कहा, ‘मैं उद्धव ठाकरे को चुनौती देता हूं कि हिम्मत हो तो अनिल परब के रिसॉर्ट को बचा लो। मैं उसे तोड़ कर रहूंगा। वे क्या सोचते हैं, माफिया सेना का गठन किया गया था। वसूली का पैसा आता है। सचिन वझे से लेकर प्रदीप शर्मा तक, सुपारी वसूलने का काम कर रहे हैं। 4 राज्यों के चुनावों के बाद मोदी साहब ने यह नहीं कहा कि हम महाराष्ट्र में घोटालेबाजों को जाने देंगे।’

    अनिल परब के कथित साईं रिसॉर्ट को गिराने की मांग को लेकर दापोली पहुंचे हैं

    ‘उद्धव के परिवार ने की 7 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग’
    सोमैया ने सीएम उद्धव ठाकरे के लिए कहा, ‘हम आपके खिलाफ कार्रवाई किए बिना नहीं रुकेंगे।

    आदित्य, तेजस और रश्मि ठाकरे के पार्टनर्स वाली कंपनी में 7 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है।

    सोमैया ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे का परिवार नंदकिशोर चतुर्वेदी के साथ कितना भी व्यवहार करे|

    उसे निकाल कर दुनिया के सामने रखा जाएगा।

    नंदकिशोर चतुर्वेदी महाराष्ट्र का बड़ा हवाला ऑपरेटर बताया जा रहा है।

    सोमैया ने कहा, “यह प्रतीकात्मक हथौड़ा परब के रिसॉर्ट को ध्वस्त करने के लिए लाया गया है|

    लेकिन एक-एक करके, ठाकरे सरकार का भ्रष्टाचार उजागर किए बिना यह नहीं रुकेगा।’

    साईं रिसॉर्ट को लेकर सोमैया के आरोप
    दापोली में समुद्र किनारे बने इस रिसॉर्ट को लेकर किरीट का दावा है कि इसका निर्माण अनधिकृत तरीके से सीआरजेड नियमों का उल्लंघन करने, जंगलों और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा और सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कर किया गया है।

    इसके निर्माण में अनिल परब ने अपने मंत्री पदों का दुरुपयोग भी किया है।

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