किसान के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के टिकरी, सिंघु, गाजीपुर बॉर्डर और जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही अलग-अलग इलाकों से किसानों का दिल्ली पहुंचना शुरू हो गया है.
दिल्ली पुलिस ने किसान संगठनों को कोरोनो प्रोटोकॉल के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की अनुमति दे दी है।
संसद के मानसून सत्र तक उनका प्रदर्शन बृहस्पतिवार से 9 अगस्त तक चलेगा।
यहां सुबह से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम देखे जा सकते हैं। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
अब वे जंतर-मंतर पर सुबह 11 से शाम पांच बजे तक यानी छह घंटे प्रदर्शन कर सकेंगे।
रोज 200 प्रदर्शनकारी ही प्रदर्शन में शामिल होंगे। 22 जुलाई से नौ अगस्त तक प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है।
पुलिस आयुक्त बालाजी श्रीवास्तव ने जंतर-मंतर जाकर सुरक्षा व्यवस्था को केवल 200 प्रदर्शनकारी जंतर मंतर आ सकेंगे.
कोरोना नियमों का किसान को सख्ती से करना होगा पालन
प्रदर्शन के दौरान किसानों को मास्क लगाने के साथ सामाजिक दूरी, सैनिटाइजेशन सहित सभी नियमों का पालन करना होगा।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने हिदायत दी है कि पुलिस के घेरे में तयशुदा रूट पर ही बसों में किसानों को जाने दिया जाएगा।
किसानों के साथ एक एसयूवी में छह किसान नेताओं और प्रतिनिधियों को भी जाने की अनुमति होगी।
डीडीएमए ने प्रदर्शन में 200 किसानों को शामिल होने की छूट दी है।
पुलिस ने बताया कि पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे में हर दिन बसों में सवार होकर केवल 200 प्रदर्शनकारी जंतर मंतर आ सकेंगे।
एक एसयूवी में छह नेता अलग से आ सकेंगे। प्रदर्शन के बाद सभी को वापस सीमाओं पर भेज दिया जाएगा।
बुधवार को दिल्ली सरकार के तरफ से डीडीएमए के एडिशनल सीईओ राजेश गोयल ने पुलिस मुख्यालय के एडिशनल सीपी दीपक पुरोहित को पत्र भेज कर बताया कि एलजी के निर्देश पर प्रदर्शनकारियों को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की इजाजत दे दी गई है।
22 जुलाई से संसद घेराव की घोषणा के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।
नई दिल्ली जिले में आने वाले हर मार्ग पर मजबूत बैरिके¨डग कर भारी संख्या में दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिट्री के जवानों की तैनाती की गई है।
आला अधिकारी भी अपने इलाके में गश्त कर रहे हैं।
जबतक संसद चलेगी, तबतक यहीं रहेंगे’
किसान नेता राकेश टिकैत गुरुवार सुबह गाजीपुर बॉर्डर से सिंघु बॉर्डर रवाना हुए. राकेश टिकैत के मुताबिक, बसों से सबसे पहले सिंघु बॉर्डर जाया जाएगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि हमारा संघर्ष पिछले आठ महीने से चल रहा है.
हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बातों कोसरकार के सामने रखना चाहते हैं.
किसान नेता ने कहा कि जबतक संसद का सत्र चलेगा, हम लोग जंतर-मंतर पर ही अपनी किसान संसद चलाएंगे.
किसान नेता प्रेम सिंह भांगू का कहना है कि हमारा अगला लक्ष्य उत्तर प्रदेश है. पांच सितंबर से इसकी शुरुआत होगी, हम बीजेपी को अलग-थलग करना चाहते हैं.
तीनों कृषि कानूनों को वापस करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.