राहुल गांधी के करीबी जितिन प्रसाद दो बार रह चुके हैं सांसद
यूपी में कांग्रेस के बड़े नेता जितिन प्रसाद के पार्टी छोड़ने की अटकलें शुक्रवार से सुबह से ही तेज हैं। कहा जा रहा है कि वह शाम तक बीजेपी का दामन थाम सकते हैं, लेकिन इस बीच पूरी कहानी में उनके एक ट्वीट से ट्विस्ट भी आ गया है।
दोपहर करीब 12 बजे ही जितिन प्रसाद ने ट्वीट कर अमित शाह और बीजेपी की बेरोजगारी के मुद्दे पर निंदा की थी। ऐसे में सवाल यह है कि यदि वह बीजेपी में आने वाले हैं तो फिर पार्टी की आलोचना क्यों?
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी उनके पार्टी छोड़ने की अफवाहों को गलत करार दिया है।
सूत्रों के मुताबिक इस बार जितिन प्रसाद पर धौरहरा की जगह लखनऊ से लड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
इस बीच मीडिया से बात करते हुए जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन करने की खबर का खंडन न कर हवा को और बल दिया है। उन्होंने सीधे तौर पर न तो हां कहा और न ही न कहा। उन्होंने कहा, ‘ऐसे किसी सवाल का कुछ आधार होना चाहिए। मैं किसी काल्पनिक सवाल का जवाब क्यों दूं।’ उनके इस जवाब पर नैशनल कॉन्फ्रेंस के लीडर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि आखिर वह सीधे तौर पर इन खबरों का खंडन क्यों नहीं करते।
बीजेपी ने अभी धौरहरा से नहीं घोषित किया है कैंडिडेट
हालांकि उनके ट्वीट से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस ने शायद उन्हें आखिरी वक्त में मना लिया है। जितिन प्रसाद ने इसमें बीजेपी और अमित शाह को देश में बेरोजगारी के लिए जिम्मेदार करार देते हुए कहा, ‘अमित शाह जी, बीजेपी के कारण रोजगार की जो भयावह समस्या देश में व्याप्त है वह उत्तर प्रदेश में और भी गहरी है|
कांग्रेस इसको दूर करने हेतु संघर्षरत है, हम यह संघर्ष और तेज करेंगे|
आपके स्वास्थ्य सेवा संदर्भित विचारों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है|’
सूत्रों की मानें तो उनकी नाराजगी के पीछे दूसरा कारण ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बताए जा रहे हैं।
कांग्रेस से दो बार सांसद रहे जितिन प्रसाद पार्टी के नेतृत्व से भी खुश नहीं हैं।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस में कार्यसमिति का सदस्य होने के बाद भी पार्टी उन्हें फैसले लेने में शामिल नहीं कर रही है। यूपी की सीतापुर और लखीमपुर संसदीय सीट को लेकर उन्होंने पार्टी के बीच अपनी राय रखी थी लेकिन पार्टी आलाकमान ने उनकी किसी बात का मान नहीं रखा।
जितिन प्रसाद अगर कांग्रेस छोड़ते हैं, तो गांधी परिवार से उनकी नजदीकी के कारण पार्टी के लिए यह बड़ा झटका होगा।
उनके पिता जितेंद्र प्रसाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और नरसिम्हा राह के सलाहकार रह चुके हैं।
जितिन प्रसाद को सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह कांग्रेस से जुड़े परिवारों की विरासत संभालने वाले युवा नेताओं में माना जाता रहा है।