भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में जहां बैठक हो रही है, उस हॉल के गेट पर मंदिरों, सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभ भाई पटेल की तस्वीरों वाला एक बड़ा-सा कट आउट लगा है. जानकारों के मुताबिक़, ये शायद इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि इस साल नौ सूबों में होनेवाले चुनाव और फिर 2024 आम चुनावों में ‘मंदिर और राष्ट्रवाद’ पार्टी की रणनीति की अहम धुरी रहेंगे.
त्रिपुरा में अपने एक भाषण में गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को पहली जनवरी, 2024 में खोले जाने का एलान किया था.
लेकिन साल 2024 लोकसभा चुनाव में, जिसमें पार्टी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए जीतोड़ कोशिश करेगी; नरेंद्र मोदी की बीजेपी ख़ुद को बस इन्हीं दो मुद्दों तक सीमित करने का रिस्क न लेकर अंतरिक्ष विज्ञान में हाल के सालों में भारत की प्रगति और देश भर में मूलभूत सुविधाओं में हुए निर्माण कार्य और सुरक्षा को भी केंद्र में रखेगी.
हॉल के गेट पर लगे कट आउट के दाईं ओर जो तस्वीरें छपी हैं, वो हैं इसरो, ब्रह्मोस मिसाइल और युद्धपोत की. इनसे बीजेपी की रणनीति का थोड़ा-बहुत संकेत मिल जाता है.
चीन हाल के दिनों में भारत की जलसीमा के पास के इलाक़ों में मौजूदगी दर्ज कराता रहा है, पड़ोसी देश श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह तक तो वो पहुंच ही गया है.
लद्दाख़ और अरुणाचल प्रदेश में भी चीन ने घुसपैठ की कोशिश की है. नरेंद्र मोदी सरकार ने बार-बार ये कहा है कि भारत चीन की इन कोशिशों को नाकाम करने में सक्षम है.