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    बाइडन ने पुतिन को कहा था ‘हत्‍यारा’, जानें- जिनेवा में उनसे मुलाकात के पूर्व कैसे पड़े नरम, कही ये बात

    अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति में संबंधों को लेकर एक कहावत है कि ‘न कोई किसी का स्‍थाई दोस्‍त होता है, न कोई स्‍थाई दुश्‍मन।’ यह कहावत अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने चरितार्थ कर दी है।

    अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के वक्‍त चुनाव में दखल को लेकर बाइडन ने रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन को खबरदार किया था। इतना ही नहीं मार्च के महीने में उन्‍होंने पुतिन को हत्‍यारा तक कह दिया था।

    जिनेवा में पुतिन से मुलाकात के पहले बाइडन से जब हत्‍यारा को लेकर सवाल किया गया तो उन्‍होंने बहुत चतुराई से दिया ये जबाव।

    हाल में बाइडन ने एक साक्षात्‍कार में कहा था कि पुतिन को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कथित दखल की कीमत चुकानी होगी। इसी साक्षात्‍कार में उन्‍होंने पुतिन को एक हत्‍यारा यानी किलर की संज्ञा दी थी।

    उनका यह बयान ऐसे समय आया था, जब अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हवाले से कहा गया था कि बीते नवंबर में अमेरिका में हुए राष्‍ट्रपति चुनाव में पुतिन ने एक हस्‍तक्षेप अभियान के जरिए चुनाव में छेड़छाड़ की कोशिश की है।

    इस रिपोर्ट में रूस पर आरोप लगाया गया था कि वह पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप के पक्ष में चुनाव नतीजों को मोड़ने की कोशिश कर रहा है।

    बाइडन ने बाद में क्‍या कहा –

    सोमवार को एक प्रेस वार्त में बेल्जियम में जब बाइडन से पूछा गया कि क्या वो पुतिन को अब भी हत्यारा मानते हैं, तो उन्होंने इस सवाल को हंसी में टाल दिया। बाइडन ने कहा कि हमारी अगली मुलाकात के पूर्व ये बातें बहुत मायने नहीं रखतीं।

    उन्‍होंने कहा कि मैंने अपने कार्यकाल में इस तरह के हमले बहुत झेले हैं। बाइडन ने कहा कि अब हमकों ऐसे हमलों से हैरानी नहीं होती।

    हम जिन लोगों के साथ काम करते हैं , जिनके साथ हमारे मतभेद होते हैं, उनके मियां-बीवी का रिश्‍ता तो नहीं होता। कई मामलों में हम सहयोगी होते हैं और कई मामलों में विरोधी।

    उन्‍होंने कहा कि जहां तक इस तरह के शब्‍दावली के प्रयोग की बात है तो मैं समझता हूं कि ये अमेरिकी कल्‍चर का हिस्‍सा है।

    आज यानी 16 जून को रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन की जिनेवा में मुलाकात हो रही है। यह बाइडन और पुतिन की पहली मुलाकात होगी।

    यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों देशों के आपसी संबंध सबसे खराब दौर में है।

    इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रूस ने हाल में अमेरिका को ऐसे देशों की सूची में डाल दिया है, जिसके संबंध दोस्‍ताना नहीं है। इतना ही नहीं दोनों देशों में कोई राजदूत नहीं है।

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