कांग्रेस के नेता और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी आज कोरोना की तीसरी संभावित लह से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करके श्वेत पत्र जारी किया। राहुल गांधी ने कहा कि यह श्वेत पत्र किसी आरोप के लिए नहीं है, बल्कि तीसरी लहर से देश को बचाने के लिए है।
पूरा देश जानता है कि दूसरी लहर से पहले हमारे वैज्ञानिकों और डॉक्टर ने दूसरी लहर की बात की थी, उस समय सका को जो एक्शन लेने चाहिए थे, जो बर्ताव होना चाहिए था,वो सरकार का नहीं था, जिसकी वजह से लोगों को दूसरी लहर का सामना करना पड़ा। हम फिर से पहले की स्थिति में खड़े हैं। पूरा देश जानता है कि तीसरी लहर आने वाली है, इसीलिए हम एक बार फिर से कह रहे हैं कि सरकार को इसकी पूरी तैयारी करनी चाहिए।
तीसरी लहर के लिए ऑक्सीजन, बेड, दवाओं की तैयारी करनी चाहिए जो दूसरी लहर में नहीं की गई, उसे इस बार करना चाहिए और यही हमारा लक्ष्य है। देश में कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही राहुल गांधी सरकार के खिलाफ लगाता मुखर तरीके से अपनी बात रख रहे हैं।
राहुल गांधी ने कोरोना काल में सरकार की वैक्सीन नीति पर भी सवाल खड़े किए हैं और उन्होंने दूसरे देशों को वैक्सीन निर्यात करने के सरकार के फैसले पर भी सवाल खड़ा किया था।
हमने पहले ही कहा था कि कोरोना से लड़ना है तो विकेंद्रीयकरण करके काम करना चाहिए, पीएम की जगह है, सीएम की जगह है, डीएम की जगह है और नागरिक की एक जगह है, सबको अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी होगी तभी हम कोरोना से लड़ पाएंगे। जो गलतियां हुई हैं उनको सामने रखने की जरूरत है।
प्रदेश को भाजपा शासित या दूसरे दल के तौर पर नहीं देखना चाहिए, राहुल गांधी
मेरी सोच है कि लोगों का ध्यान मुख्य रूप से कोरोना पर होना चाहिए, मैं चाहता हूं कि लोग इसपर ध्यान दें। सोमवार को रिकॉर्ड वैक्सीनेशन पर खुशी जाहिर करते हुए राहुल ने कहा कि अच्छा काम हुआ है, लेकिन हमे लगातार इसे आगे बढ़ाना है।
हमे इस प्रक्रिया को सिर्फ एक दिन नहीं करना है बल्कि हर रोज ये करना है, जबतक हर किसी को वैक्सीन नहीं लग जाती है। बतौर देश यह हमारी जिम्मेदारी है और हमे इसकी जरूरत है, हमे फ्रंटलाइन वर्कर्स को इस तरह तैयार करने की जरूरत है।
सरकार को राज्यों को भाजपा शासित राज्य या अन्य पार्टी द्वारा शासित राज्य के तौर पर नहीं देखना चाहिए, लिहाजा हमे हर किसी को जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाने की जरूरत है।
श्वेत पत्र का मुख्य लक्ष्य एक प्रकार से रास्ता दिखाने का है। हमने एक्सपर्ट और वैज्ञानिकों से बात करके इस श्वेत पत्र को तैयार किया है। इसके चार मुख्य पहलू हैं।
हमने इसे समझने की कोशिश की है कि क्या गलती हुई है, यह इस श्वेत पत्र का मुख्य आधार है। पहला लक्ष्य, तीसरी लहर की तैयारी, ऑक्सीजन, बेड, दवा एवं इंफ्रास्ट्रक्चर की तैयारी। ताकि जब तीसरी लहर आए तो गांव और हर जगह लोगों को जरूरी चीजें मिले, लोगों को ऑक्सीजन, दवाएं मिले। जिससे कि बिना कारण लोगों की मौत ना हो, जिस तरह से दूसरी लहर में लाखो लोग बिना वजह मरे वो ना हो।
दूसरा पहला है, कोविड बायोलॉजिकल बीमारी नहीं है, यह आर्थिक चोट भी पहुंचा रही है। लोगों को आर्थिक मदद देने की जरूरत है, सरकार को न्याय ना पसंद हो तो उसका नाम बदल दें।
चौथा पहलू इस श्वेत पत्र का है कि लोगों को आर्थिक मदद दी जाए। जिन परिवार में लोगों की कोरोना से मौत हुई है उन्हें कोविड फंड से मदद की जाए।