प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा और उनके करीबी प्रवीण राउत की 11 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की गई। मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल घोटाले की जांच में यह कार्रवाई की गई है।
संजय के करीबी प्रवीण राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. के डायरेक्टर हैं। ये कंपनी गोरेगांव की पात्रा चॉल के रिडेवलपमेंट में शामिल है।
यह चॉल महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) की 47 एकड़ जमीन पर बनी है।
इसमें 672 किराएदार रहते थे।
प्रवीण की फर्म को पात्रा चॉल का रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट और 672 किराएदारों के रिहैबिलिटेशन का काम सौंपा गया।
फर्म ने इसके लिए 672 किराएदारों और म्हाडा के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया।
जांच एजेंसी के अनुसार प्रवीण राउत ने हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के राकेश कुमार वाधवान, सारंग वाधवान और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन्स प्रा लि के बाकी डायरेक्टर्स ने अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स या FSI अवैध रूप से अन्य बिल्डरों को 1034 करोड़ रुपए में बेच दिया।
संजय राउत की पत्नी वर्षा और उनके करीबी प्रवीण राउत की 11 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है
FSI वह अधिकतम फ्लोर एरिया है, जितने में बिल्डर किसी प्लॉट या जमीन पर कंस्ट्रक्शन कर सकता है।
यह सौदा प्रवीण ने रिहेब फ्लैट्स यानी किराएदारों के लिए फ्लैट्स का कंस्ट्रक्शन किए बिना कर डाला, जो उसे बनाकर म्हाडा को देने थे।
यही समझौते की शर्त थी।
इसमें प्रवीण राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्रा. लि. के डायरेक्टर के रूप में जुड़े हैं।
इस तरह उन्होंने 672 किराएदारों और खरीदारों के हितों के खिलाफ वाधवान बंधुओं के साथ मिलकर एक हजार करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया।
ED का यह केस मुंबई पुलिस की एफआईआर पर आधारित है।
विभिन्न बिल्डरों से 1034 करोड़ लेने के अलावा आरोपियों ने बैंक लोन भी ले लिए।
कहां से आए 100 करोड़?
ED के अनुसार, 2010 में प्रवीण ने 95 करोड़ रुपए बैंक खाते में प्राप्त किए|
जिसे इक्विटी बेचने और जमीन सौदों से प्राप्त राशि बताया गया|
जबकि कंपनी ने कोई प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया और उसे कोई आय नहीं हुई।
इस तरह एजेंसी के अनुसार, प्रवीण मनी लान्ड्रिंग के आरोपी हैं।
ईडी के अनुसार, HDIL ने करीब 100 करोड़ रुपए प्रवीण राउत के खाते में ट्रांसफर किए।
प्रवीण ने यह राशि अपने साथियों, परिजन और बिजनेस पार्टनर्स और अन्य लोगों के खातों में डाल दी।