बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद से हिंदू समुदाय की स्थिति बिगड़ती जा रही है। अब बांग्लादेश की युनूस सरकार ने हिंदुओं पर एक और प्रतिबंध लगाया है। नए आदेश में कहा गया है कि नमाज के समय को ध्यान में रखते हुए दुर्गा पूजा पंडालों पर सख्ती बरती जाए। निर्देश दिया गया है कि नमाज शुरू होने से 5 मिनट पहले दुर्गा पूजा पंडालों के लाउडस्पीकर बंद कर दिए जाएं और पूजा के अनुष्ठान भी रोक दिए जाएं। इस फैसले पर हिंदू समुदाय ने कड़ा विरोध प्रकट किया है।
बांग्लादेश : दुर्गा पूजा के आयोजकों को बुलाकर नया आदेश सुनाया गया
बांग्लादेश के डेली स्टार न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह नया आदेश गृह मंत्रालय के सलाहकार जहाँगीर आलम चौधरी द्वारा जारी किया गया। जहाँगीर आलम को एक कट्टरपंथी मुस्लिम माना जाता है। 10 सितंबर को उन्होंने ढाका में कई दुर्गा पूजा आयोजकों के साथ एक बैठक की, जिसमें उन्होंने सरकार का यह निर्णय सुनाया। हिंदू समूहों को इस मामले में असहमति जताने का कोई अवसर नहीं दिया गया।
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विरोध नहीं कर सकता है कोई भी धार्मिक समुदाय
बांग्लादेश सरकार के इस फैसले का इस्कॉन मिशन ने अनौपचारिक रूप से आधिकारिक घोषणा का विरोध किया है। उन्होंने इसे अलोकतांत्रिक और बांग्लादेशी आबादी के एक छोटे कट्टर वर्ग की भावनाओं को बढ़ावा देने वाला बताया। रिपोर्ट के मुताबिक इस नए फैसले के तहत ईसाई धर्म समेत अल्पसंख्यकों के किसी भी वर्ग को सलाहकार (गृह) जहाँगीर आलम चौधरी के घोषित ‘फतवे’ का विरोध या अवहेलना करने का कोई अधिकार नहीं है।
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