राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। गोवा पीठ ने सेंट फ्रांसिस जेवियर पर दिए गए उनके बयान से कथित रूप से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के मामले में उन्हें अग्रिम जमानत प्रदान की है। न्यायमूर्ति बीपी देशपांडे की एकल पीठ ने मुख्य जमानत याचिका और पीड़ित पक्षों द्वारा दायर पांच हस्तक्षेप याचिकाओं का निपटारा किया। पीठ ने 10 अक्टूबर को वेलिंगकर को कुछ राहत प्रदान की थी।
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गोवा : नोटिस का पालन करने के कारण अग्रिम जमानत मिली
हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका के माध्यम से आम आदमी पार्टी (आप) विधायक सिल्वा का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील अमित पालेकर ने आज कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 35 के तहत वेलिंगकर को नोटिस जारी किए गए थे। जिनका उन्होंने 10 और 11 अक्तूबर को जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर पालन किया। पालेकर ने बताया कि चूंकि वेलिंगकर ने नोटिस का पालन किया, इसलिए सरकारी वकील ने भी पीठ के सामने कहा कि उनकी गिरफ्तारी की आवश्यकता नहीं है।
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यह मांग भी की गई
सुनवाई के दौरान पालेकर ने कहा कि वेलिंगकर के वकील ने यह भी अनुरोध किया था कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा मामले की योग्यता पर दिए गए बयानों को हटा दिया जाए। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने आठ अक्टूबर को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। वकील ने कहा कि न्यायाधीश ने निचली अदालत द्वारा अपने फैसले में की गई कुछ टिप्पणियों को हटा दिया। गोवा के सेंट फ्रांसिस जेवियर पर वेलिंगकर के बयान से छह अक्तूबर को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। मुख्य विरोध प्रदर्शन मडगांव शहर में हुआ, जहां पूरे दिन राजमार्ग अवरुद्ध रहा तथा प्रदर्शनकारियों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
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