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    चंडीगढ़ मेयर चुनाव को सुप्रीम कोर्ट ने क्यों बताया- लोकतंत्र का मज़ाक

    चंडीगढ़ मेयर

    30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अदालत का रुख़ किया था.

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    चीफ जस्टिस का आलोचनात्मक बयान: अदालती व्यवहार पर सवाल

    आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का आरोप है कि इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी ने धांधली की, और संख्या बल ना होने के बावजूद भी बीजेपी की जीत का एलान किया।हाल का तथ्य दिखाता है कि संख्या बल आप और कांग्रेस के पक्ष में था, लेकिन उनके आठ वोटों को अमान्य ठहराया गया था। इस अमान्य करार को लेकर ही आप और कांग्रेस ने धांधली का आरोप लगाया है।आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की ओर मुख किया था, लेकिन जब वहां से कोई राहत नहीं मिली, तो उन्होंने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में अपील की।

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    चीफ जस्टिस का व्यक्तिगत आलोचनात्मक भाषण: न्यायिक विचार में संदेह

    चीफ जस्टिस ने यह कहा है कि अदालत पीठासीन अधिकारी के व्यवहार से प्रभावित है और उन्होंने टिप्पणी में यह बताया कि उन्हें यह समझ में नहीं आया कि आखिरकार वह कैमरा क्यों देख रहे हैं। चीफ जस्टिस ने पूरे मामले की वीडियो देखने के बाद कहा है कि पीठासीन अधिकारी को वैलेट पेपर में फेरबदल करते हुए देखा गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को ध्यान से देख रहा है।

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