उज्ज्वला योजना के अंतर्गत उन महिलाओं को मुफ्त गैस सिलेंडर कनेक्शन प्रदान किया जाता है जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक है और जिनके पास बैंक खाता और बीपीएल कार्ड है.
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले सात साल में मोदी सरकार ने गैस सिलेंडर की सब्सिडी खत्म कर रसोई गैस के दाम को दोगुना कर दिया और इसकी वजह से रसोई गैस गरीबों की पहुंच से दूर हो चुकी है।
पार्टी ने उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडर के दाम घटाकर 400 रुपये प्रति सिलेंडर करने की मांग करते हुए कहा है कि जब तक कीमतें नहीं घटाई जातीं तब तक गरीबों को इस योजना का फायदा नहीं मिल पाएगा।
Pradhan Mantri Ujjwala Yojana 2.0 Latest Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (मंगलवार) यानी 10 अगस्त को उत्तर प्रदेश के महोबा से उज्ज्वला योजना 2.0 की शुरुआत की है.
पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाले लाभार्थियों को एलपीजी कनेक्शन (LPG Connection) सौंपकर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2.0 (Pradhan Mantri Ujjwala Yojana) का शुभारंभ किया.
इस दौरान पीएम मोदी ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों से बातचीत भी की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम उज्ज्वला योजना (PMUY) की शुरुआत 2016 में उत्तर प्रदेश से ही की थी. इसे 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में लॉन्च किया गया था.
उस समय पांच करोड़ बीपीएल परिवारों की महिला सदस्यों को एलपीजी कनेक्शन (LPG Connection) देने का लक्ष्य रखा गया था. अब उज्ज्वला योजना 2.0 की लॉन्चिंग यूपी के महोबा से की गई है.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2.0 का लाभ उठाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट pmuy.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
उज्ज्वला योजना का गरीबों को नहीं मिल रहा लाभ, सिलेंडर के दाम घटाए सरकार
उनके मुताबिक सरकारी आंकडों से ही पता चलता है कि आठ करोड़ में से 40 प्रतिशत परिवारों ने कोरोना काल में तीन मुफ्त सिलेंडर की योजना का लाभ भी नहीं लिया।
इसकी वजह है कि बीते नौ महीने में रसोई गैस की कीमतों में 240 रुपये प्रति सिलेंडर का इजाफा हुआ है।
सऊदी अरैमको के आधार पर कीमतें
सुरजेवाला ने कहा कि भारत में रसोई गैस के दाम सऊदी कंपनी अरैमको के एलपीजी मूल्यों के आधार पर तय होते हैं, जो अब 611.14 डालर प्रति मीट्रिक टन है।
इस आधार पर गैस मूल्य की गणना की जाए, तो वह 644 रुपये 18 पैसे प्रति सिलेंडर बनता है मगर आम जनता से 850 से लेकर 900 रुपये प्रति सिलेंडर वसूला जा रहा है।
इस योजना के क्रियान्वयन के बाद नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उज्ज्वला योजना के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले घरेलू सिलेंडरों का व्यावसायिक उपयोग हो रहा है.
ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि 1.98 लाख लाभार्थी औसतन 12 से अधिक सिलेंडरों की वार्षिक खपत कर रहे हैं. कैग ने सीधा प्रश्न किया है कि कैसे गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोग इतनी ज्यादा खपत कर सकते हैं?