मंगलवार को संसद में आयोजित होने वाले संविधान दिवस कार्यक्रम को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच टकराव जारी है। विपक्ष ने मांग की है कि समारोह के दौरान दोनों सदनों में विपक्षी नेताओं को बोलने का मौका दिया जाए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जवाब देते हुए कहा कि संविधान दिवस का कार्यक्रम राजनीति से परे है और यह पूरे देश का उत्सव है। उन्होंने कार्यक्रम की पूरी जानकारी भी साझा की।
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संविधान दिवस : प्रधानमंत्री भी समारोह को संबोधित नहीं कर रहे
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ विपक्षी दल बिना पूरी जानकारी के ही प्रतिक्रिया देने लगते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री कल के समारोह में भाषण नहीं देंगे। केवल लोकसभा अध्यक्ष, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति ही संबोधित करेंगे। विपक्षी नेताओं के लिए मंच पर बैठने की व्यवस्था की गई है। मंत्री ने गंभीर अवसर पर इस तरह की बिना सोच-समझ वाली प्रतिक्रिया को निंदनीय बताया।
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साल भर चलेंगे कार्यक्रम
केंद्रीय संस्कृति सचिव अरुनीश चावला ने कहा कि मंगलवार को संविधान दिवस को 75 साल पूरे हो रहे हैं। पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल और सदन में कार्यक्रम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संबोधित करेंगी। इसके बाद पूरे साल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विशेष वेबसाइट बनाई जाएगी। इसमें सभा की बैठकों और पैनल रिपोर्ट का ब्योरा होगा। देश के सभी स्कूलों, शहरों और गांवों में प्रस्तावना का सामूहिक पाठ किया जाएगा। लोग प्रस्तावना पढ़ने की वीडियो रिकॉर्ड करके इसे पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसके बाद उनको प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
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