जमीन घोटाला के संदर्भ में हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में, एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की चार्जशीट में पहली बार, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का नाम उजागर हुआ है, जो जमीन घोटाला के मामले से जुड़ा है. सूत्रों के अनुसार, ईडी की चार्जशीट में रॉबर्ट वाड्रा के साथ ही प्रियंका गांधी का उल्लेख किया गया है, हालांकि उन्हें किसी भ्रांतिकर गतिविधि का आरोप नहीं लगाया गया है.
सूत्रों की मानें तो ईडी की चार्जशीट में पहली बार प्रियंका गांधी वाड्रा का जिक्र किया गया है. सीसी थंपी और सुमित चड्ढा के खिलाफ दर्ज चार्जशीट में प्रियंका गांधी के नाम का जिक्र किया गया है. जांच में पता चला है कि रॉबर्ट वाड्रा और थंपी के अलावा प्रियंका गांधी ने भी फरीदाबाद में जमीन खरीदी थी. संजय भंडारी के करीबी थंपी-वाड्रा के बीच के फाइनेंशियल कनेक्शन की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है. हालांकि, ईडी की इस चार्जशीट में प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा का नाम बतौर आरोपी नहीं है.
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मामला
फरीदाबाद में जमनी खरीद से यह जुड़ा मामला है. साल 2005-2006 के बीच फरीदाबाद के अमीपुर गांव में एचएल पाहवा (थंपी के करीबी) प्रोपर्टी डीलर के जरिये रोबर्ट वाड्रा ने करीब 40.8 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसे दिसंबर साल 2010 में पाहवा को ही वापस बेच दिया था. इसी तरह प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम पर भी इसी अमीपुर गांव में साल अप्रैल 2006 में खरीदी गई थी, जिसे फरवरी 2010 में पाहवा को ही वापस बेच दिया गया था. सूत्रों के मुताबिक, पाहवा थंपी का बेहद करीबी है, इसी अमीपुर गांव में थंपी को भी जमीन पाहवा ने ही खरीदवाई थी.
जमीन घोटाला केस में क्या आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने लंदन में एक मकान का ‘पुनर्निर्माण कराया और उसमें ठहरे’, जो कथित बिचौलिए संजय भंडारी के खिलाफ धन शोधन मामले में ‘अपराध से अर्जित आय’ का हिस्सा है. संजय भंडारी 2016 में ब्रिटेन भाग गया और ब्रिटेन सरकार ने ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के कानूनी अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए इस साल जनवरी में भारत में उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी.
दोनों संघीय एजेंसियां विदेश में कथित अघोषित संपत्ति रखने के लिए कारोबारी के खिलाफ धन शोधन और कर चोरी के आरोपों की जांच कर रही हैं. यह पहली बार है कि ईडी ने इस मामले में वाड्रा का नाम लिया है. ईडी ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने इस मामले में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रह रहे अनिवासी भारतीय (एनआरआई) कारोबारी सी सी या चेरुवथुर चकुट्टी थंपी और ब्रिटेन के नागरिक सुमित चड्ढा के खिलाफ नया आरोपपत्र दाखिल किया है.
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