• Mon. Dec 23rd, 2024

    Gujarat Assembly Elections 2022: बागियों को मनाने मैदान में उतरे अमित शाह, पिछले एक साल से गुजरात बीजेपी के फैसलों से थे दूर

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद बीजेपी में दूसरे सबसे ताकतवर नेता अमित शाह सितंबर 2021 से गुजरात में पार्टी के मामलों से दूर रह रहे थे, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उनकी मंत्रिपरिषद को अचानक बदल दिया गया था।

    विजय रूपाणी को प्रमुख रूप से अमित शाह के करीबी के रूप में जाना जाता था और चुनाव से एक साल पहले उन्हें बदलने के कदम को केंद्रीय गृह मंत्री के प्रभाव के लिए एक झटके के रूप में देखा गया था। सूत्रों ने बताया कि पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री के रूप में चुना था। बता दें कि अल्पेश ठाकोर को पार्टी ने गांधीनगर दक्षिण से टिकट दिया है।

    एक और झटका अमित शाह को तब लगा जब जीतू वघानी, जिन्हें गृहमंत्री के करीबी के रूप में जाना जाता है, उन्हें भी प्रदेश अध्यक्ष पद से मुक्त कर सी.आर. पाटिल को पार्टी अध्यक्ष बना दिया गया। गुजरात के एक सांसद ने द ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा, “वह (अमित शाह) मोरबी नहीं गए, जहां पिछले महीने पुल गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी। गुजरात को देश के गृह मंत्री से उम्मीद थी कि अमित भाई मोरबी जाएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। ऐसा लगता है कि अमितभाई को शीर्ष नेता (पीएम मोदी) ने गुजरात में कार्यभार संभालने के लिए कहा है और इसलिए वह हरकत में आ गए हैं।”

    रविवार को न्यूज 18 को दिए एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, “अगर कोई फैसला उसके खिलाफ जाता है तो किसी का नाखुश होना स्वाभाविक है। लेकिन भाजपा में हर कोई अनुशासन से बंधा हुआ है और एक बार फैसला हो जाने के बाद सभी को इसे स्वीकार करना होगा और पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना होगा। मैंने बागियों से बात की है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे पार्टी के लिए काम करेंगे।” शाह के बयान को इस संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि उन्होंने चुनावों की कमान संभाल ली है।

    Share With Your Friends If you Loved it!