अरविंद केजरीवाल बीते 12 साल से दिल्ली में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बने हुए थे.आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य और अरविंद केजरीवाल के पुरान सहयोगी योगेंद्र यादव का मानना है कि दिल्ली चुनाव के नतीजे बीजेपी की जीत कम और ‘आप’ की हार ज्यादा हैं.बीबीसी को दिए योगेंद्र यादव ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार की तमाम वजहों पर बात की है.
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योगेंद्र ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के प्रति थोड़ी सी निराशा ही बीजेपी की जीत की वजह है.योगेंद्र यादव ने क्या, “ये आम आदमी पार्टी की हार ज़्यादा है, बीजेपी की जीत कम है. पिछले दोनों बार लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के 15 फ़ीसदी वोट आम आदमी पार्टी के पास आ गए. लेकिन इस बार 15 प्रतिशत में से आधे लोगों ने कहा कि लोकसभा में जो वोट डाला वहीं डालेंगे.””लोगों का ये निर्णय कोई सकारात्मक निर्णय नहीं था कि अच्छा बीजेपी ये कर रही है इसलिए वहां जाएंगे. कहीं न कहीं आप से निराशा, उदासी थी. ये उतना परिणाम नहीं है, वोट में फ़ासला सिर्फ 3.5 प्रतिशत का है.”
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योगेंद्र यादव की आलोचना: आम आदमी पार्टी के दावों और वास्तविकता में अंतर
योगंद्रे यादव ने कहा, “कुल मिलाकर आप से थोड़ी सी निराशा बीजेपी की जीत की वजह है.”योगेंद्र यादव ने कहा है कि आम आदमी पार्टी ने जितना दावा किया उतना काम नहीं किया.उन्होंने कहा, “मैं उन्हें नज़दीक से नहीं जानता था, अगर जानता तो वो सारी गलतियां नहीं होती. आप ने शुरू में कहा कि राजनीति का ढर्रा बदलेंगे, उन्होंने अपनी राजनीति का मॉडल बनाया. पर इसके बाद पार्टी राजनीति के पुराने ढर्रे में समा गई.”
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“आप ने कहा कि हम गुड गर्वनेंस देंगे, पहले कार्यकाल में उन्होंने एजुकेशन और हेल्थ में उतना काम किया जितना उनसे पहले की पार्टियों ने नहीं किया था. हालांकि उन्होंने दावा ज़्यादा का किया. लेकिन दूसरा कार्यकाल आते-आते उनके पास कहने के लिए ये ही था कि हमने फ़्री बिजली दे रखी है, महिलाएं फ्री में बस में यात्रा करती हैं तो लोगों ने पूछना शुरू किया कि आप इसके अलावा क्या करते हैं तो इसका जवाब उनके पास था नहीं.”
योगेंद्र यादव ये भी मानते हैं कि उप राज्यपाल की वजह से भी आम आदमी पार्टी ज्यादा काम नहीं कर पाई.उन्होंने कहा, “ये बात सही है कि उप राज्यपाल इन्हें काम करने नहीं दे रहे थे. उप राज्यपाल का दफ़्तर बीजेपी की ऑफ़िस की तरह था.”योगेंद्र यादव ये भी मानते हैं कि आम आदमी पार्टी जो कहकर आई थी वैसा करने में कामयाब नहीं रही.
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