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    श्रीलंका की मदद को भारत ने फिर बढ़ाया हाथ

    बुधवार को भी राजपक्षे सरकार के खिलाफ राजधानी कोलंबों सहित कई शहरों में प्रदर्शनों का दौर जारी रहा। हिंसा प्रभावित रामबुकना में कर्फ्यू जारी है। इस बीच भारत ने एक बार फिर श्रीलंका के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत ने ऑइल खरीद के लिए श्रीलंका को 3800 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है।

    श्रीलंका के विदेश मंत्री जीएल पीरिस ने कहा हमारी ओर से मदद की गुहार पर भारत ने आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। पीरिस का कहना है कि वर्ल्ड बैंक ने भी श्रीलंका को मदद का भरोसा दिया है, लेकिन इसमें 6 महीने तक का समय लग सकता है। इस बीच चीन के 27 हजार करोड़ रुपए के कर्ज से दबे श्रीलंका को चीन ने कर्ज की किस्तें आसान करने के अनुरोध को खारिज कर दिया है।

    श्रीलंका : गोटबाया इस्तीफे को तैयार

    विपक्ष के नेता सजित प्रेमदासा ने दावा किया है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पद छोड़ने को तैयार हैं। राष्ट्रपति गोटबाया का कहना है कि अगर सभी दल उनसे अपील करें तो वे अपना पद छोड़ देंगे।

    भारत सबसे बड़ी भूमिका निभा सकता

    श्रीलंका के सूचना निदेशक और राष्ट्रपति के आधिकारिक प्रवक्ता मिलिंद राजपक्षे ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए कहा मुझे

    लगता है कि भारत सबसे बड़ी भूमिका निभा सकता है। भारत लंबे समय से में लीड रोल प्ले करता

    रहा है। में 30 साल लंबे चले हिंसक युद्ध को खत्म करने में भी भारत की अहम भूमिका रही

    इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। राष्ट्रपति दफ्तर के सामने प्रदर्शनकारियों ने तंबू गाड़ दिए हैं

    प्रदर्शनकारी मौजूदा आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बता रहे हैं।

    राष्ट्रपति गोटबाया अपने पद पर डटे हैं। उनका कहना है कि सरकार ने प्रदर्शनकारियों की अधिकतर मांगें मान ली

    हैं। हालांकि, मुश्किल के इस समय में राष्ट्रपति राजपक्षे ने मीडिया से दूरी बनाई है और अब तक

    कोई इंटरव्यू नहीं दिया है।

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