मध्य प्रदेश विधानसभा में आज मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 को पेश किया जाएगा। मध्य प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल ने लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए 26 दिसंबर को मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक-2020 को मंजूरी दी थी। इस विधेयक में शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम दस साल की कैद एवं एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
विधेयक में किए गए प्रावधान के मुताबिक मतांतरण करने और कराने वाले व्यक्ति को साठ दिन पहले जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) को सूचना देनी होगी। अभी प्रस्तावित अवधि एक माह थी। यदि यह सूचना नहीं दी जाती है और मतांतरण करवाया जाता है तो तीन से पांच साल तक की कैद तथा पचास हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जा सकता है।
अधिनियम का उल्लंघन करने पर अधिकतम 10 साल की कैद और एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा का प्रावधान किया गया है। कोई भी व्यक्ति प्रलोभन, धमकी, बल प्रयोग या कपटपूर्ण साधन से मतांतरण कराता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में किसी दबाव या लोभ में लव जिहाद की घटना न होने पाए। बता दें कि लव जिहाद के खिलाफ उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेस में पहले से कानून है। वहीं हरियाणा में भी इसे लेकर कानून को बनाने की तैयारी है। कर्नाटक में भी कानून बनाने का ऐलान किया जा चुका है।
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से प्रारंभ हुआ। इसमें भाजपा के गिरीश गौतम को निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अभिभाषण में कोरोना संक्रमण की विपरीत परिस्थितियों में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश भी आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ेगा। रोजगार और कृषि के साथ-साथ स्वास्थ्य पर सरकार का फोकस रहेगा। इसके बाद विधानसभा कल मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। शारीरिक दूरी समेत कोरोना संबंधित नियमों का पालन करते हुए विधानसभा का सत्र 26 मार्च तक चलेगा।