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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सुपर पावर्स की मुलाकात के बीच आज वर्चुअल मीटिंग होगी। पिछले महीने ही क्वाड लीडर्स की मीटिंग के दौरान दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हो चुकी है। यह बैठक 2 प्लस 2 मिनिस्ट्रियल डायलॉग से पहले होनी है।

    विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात द्विपक्षीय साझेदारी को मजबूत करेंगे। ये मुलाकात दोनों देशों के बीच लगातार हाईलेवल एंगेजमेंट के रास्ते खोलेगे। दोनों नेता साउथ एशिया के हालिया घटनाक्रम और साझा हितों से जुड़े वैश्विक घटनाक्रमों पर बातचीत करेंगे।

    सुपर पावर्स की मुलाकात : दोनों नेताओं के बीच इन मुद्दों पर हो सकती है वार्ता

    1. कोरोना महामारी
    2. जलवायु संकट
    3. ग्लोबल इकोनॉमी
    4. सुरक्षा और लोकतंत्र की मजबूती

    सुपर पावर्स की मुलाकात सबसे बड़ा मुद्दा: रूस और यूक्रेन युद्ध

    व्हाइट हाउस के मुताबिक, मोदी के साथ मुलाकात के दौरान बाइडेन रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी उठाएंगे। व्हाइट हाउस ने कहा कि मोदी के सामने रूस के इस भयावह युद्ध के नतीजों पर चर्चा होगी। इसके अलावा इस युद्ध के चलते ग्लोबल फूड सप्लाई पर पड़ने वाले असर पर भी बातचीत होगी।

    मुलाकात अहम, क्योंकि US रूस से रिश्तों को लेकर आगाह कर चुका

    रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच भारत के स्टैंड को लेकर अमेरिका पहले भी ऐतराज जाहिर कर चुका है। अमेरिका चाहता है कि रूस के साथ भारत अपने रिश्तों को सीमित रखे। भारत ने अभी भी रूस से तेल का व्यापार जारी रखा है और अमेरिका को ये अखर रहा है। वो चेतावनी दे चुका है कि अगर भारत लगातार इस रिश्ते को जारी रखता है तो उसे कीमत चुकानी पड़ सकती है। साथ ही अमेरिका भारत के सामने प्रस्ताव रख चुका है कि वह उसे हथियार देगा। शर्त भी रखी है कि रूस से मिलने वाले हथियारों पर निर्भरता कम करनी होगी।

    2 प्लस 2 वार्ता के लिए राजनाथ-जयशंकर अमेरिका पहुंचे

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर 2 प्लस 2 वार्ता के लिए अमेरिका पहुंच चुके हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन पेंटागन में राजनाथ का स्वागत करेंगे। इसके बाद दोनों देशों के नेता बातचीत में शामिल होंगे। दोनों के बीच डिफेंस पार्टनरशिप को मजबूत करने और बढ़ाने पर चर्चा होगी।

    वार्ता में लॉयड ऑस्टिन के अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन शामिल होंगे। इस वार्ता में द्विपक्षीय संबधों

    को मजबूत करने और कोऑपरेशन बढ़ाने पर चर्चा होगी। यूक्रेन का मुद्दा भी अहम रहेगा। स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप

    एजुकेशन कोऑपरेशन, टेक्नोलॉजी, सप्लाई चेन, डिफेंस पार्टनरशिप भी बातचीत के मुद्दे होंगे।

    यूनाइटेड नेशंस में रूस के खिलाफ वोटिंग में भारत नहीं शामिल हुआ

    यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल से रूस की सदस्यता खत्म कर दी गई है। इस पर हुई वोटिंग में 93

    देशों ने रूस के खिलाफ वोट डाला था, 24 रूस के साथ थे। इनमें चीन भी शामिल था

    पर भारत ने इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। ऐसा 58 देशों ने किया। रूस और यूक्रेन युद्ध

    शुरू होने के बाद से ही भारत का स्टैंड न्यूट्रल रहा है।

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