विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भगवान राम को एक उत्कृष्ट राजनीतिक व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने महाकाव्य रामायण का स्मरण करते हुए सुझाव दिया कि हनुमान को भी एक गुप्त अभियान था, जिसका उद्देश्य सीता के बारे में जानकारी प्राप्त करना था। वे सक्रिय राजनयिक भी थे, क्योंकि उन्होंने लंका को पहुंचते समय बहुत नुकसान पहुंचाया। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ था।
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हनुमान का खुफिया मिशन: विदेश मंत्री का चौंकाने वाला खुलासा
एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने महाकाव्य रामायण का जिक्र किया। उन्होंने लंका दहन का जिक्र करते हुए कहा, “हनुमान के पास भी एक खुफिया मिशन था। उन्हें सीता के बारे में जानकारी हासिल करनी थी। और वह एक सक्रिय राजनयिक भी थे, क्योंकि बाहर जाते समय उन्होंने लंका को बहुत नुकसान पहुंचाया।
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रामायण काल में गठबंधन की रहस्यमय दुनिया: विदेश मंत्री का अद्वितीय दृष्टिकोण
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि रामायण काल में गठबंधन की विचारधारा भी मौजूद थी। उन्होंने पूछा, “वानर सेना यदि गठबंधन नहीं थी, तो फिर क्या थी?” और उन्होंने यह सुझाव दिया कि हमें अपने धर्मग्रंथों का आत्मसात करना चाहिए। एस जयशंकर ने भगवान हनुमान के बारे में बात करते हुए कहा कि वास्तव में वे एक शानदार राजनयिक थे, इसलिए उन्हें लंका भेजा गया था, उन्हें दूत के रूप में।
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