राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के भीतर विभाजन के मद्देनजर, नियंत्रण और प्रभुत्व के लिए एक भयंकर संघर्ष शुरू हो गया है। वर्तमान में, एनसीपी ने उन बागी विधायकों को अमान्य करने के इरादे से याचिका दायर करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिनमें अजित पवार भी शामिल हैं।
महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले अजित पवार और मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की गई है। पाटिल ने कहा कि अयोग्यता याचिका विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग को भी एक ई-मेल भेजा गया है, जिसमें बताया गया है कि राकांपा के नेता और कार्यकर्ता पार्टी प्रमुख शरद पवार के साथ हैं।
बता दें कि रविवार को शरद पवार के भतीजे और एनसीपी के नेता अजीत पवार ने शिंदे गुट में शामिल होकर उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। वे अपने साथ 40 विधायक होने का दावा कर रहे हैं।
शरद पवार द्वारा 1999 में स्थापित पार्टी को रविवार दोपहर उस समय विभाजन का सामना करना पड़ा, जब उनके भतीजे अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए। अजित पवार के अलावा पार्टी के अन्य 8 विधायक भी सरकार में मंत्री बनाए गए हैं। इनमें शरद पवार के वफादार कहलाने वाले छगन भुजबल और दिलीप वालसे पाटिल भी शामिल हैं।
एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए रविवार को कहा कि वह राकांपा में नया नेतृत्व तैयार करेंगे और जब पार्टी में इस तरह की परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं, जो उन्हें काम करने के लिए ज्यादा ऊर्जा मिलती है। पवार ने यह भी कहा कि वह भविष्य के लिए भी पार्टी का चेहरा हैं।